पखण न सकई लेगर हमा ऐस्चा को हमा को डेख कर कोले गये
और से हमा को ले spanning को
विक्षिвар हमा
सब रशियांसी के लिए ही नाजा चाहिए, च buldym ca
कि यरा में मिमर का मैं will ke
गो मंग हांडरि ranghaanar
क्रीज़ाव्न को नाज चेही prendha u
दोिया cycle balanesh
संत्पम्भ करinate
क्यों यह एते जुअ
अगर ज़िन्दाल ब्रवस्ति मुझे दे दे,
उस रस्थी से भगवान श्यम बन गए,
मैया रसुकश में गई,
एक गुत्मन चल पर ज़िन्दाल बढ़े और दू ब्रक्ष थे,
यमलाडुन नामध का जाएँसे दो ब्रक्षों के बाद से भगवान निकले,
और ज
ब्रज् बास्चों ने मन्ने बचार किया कि जब से लाला भयो है,
तप से या ब्रज् मंदल में काऊ ना काऊ उत्पात है रहे हो है
यह गोकल नगरी हमारे लाला के लिए ठीक नहीं है,
असने गोकल नगरी को चोड़ करके हमें कहीं और जाना चाहाए
विरैज्जि वाश्यों ने खा कै गोपुल नगीरी सो
शुंदर यदा कोई इस्तान है को बत लो किया नहीं है।
एक चण में ब्रंदावन की यात्रा बृज़बाश्यों ने आरंब की
और गोगोल नगरी का त्यात्र के सिधां ब्रंदावन में प्रचनी।
आराद श्री किशोली जी का सेवा पुञ्ज में मेरे ठापच्च
ने दर्शन किया और बत्ससो नामक त्यत्र का पत्य किया।
शुकदेव जी कहते है राजर तंच ने स्वभू ब्रिजमंडल में आद लगबाती थी।
मेरे प्रभू ने उस दाबागनी का पान किया।
काल ये नादों को नाच करके उसको रमडः तुप्पे जा।
भगवान ने आधासुर नामक त्यत्र का बत किया।
आधासुर का बत करने के पस्चार मदमंगली की जूठी कडी भगवान खाने लगे।
ब्रह्माजी भ्यमित हो गए कि साक्षक ब्रह्म
हो खरके एक ग्वाले की जूठी कडी खा रहा है।
वो पच्चार है कि डेशना माई जारते के लिए
झास खारता है थे वो बराजवारकाotics अले,
को बत करा खानें की जिए नहींलगता।
प्रजमंदल की गोपियों का भाव था कि साइध कृष्ण हमारे
पुत्र होते तो हमें हमारे लिए भी अपार प्रस्णता होती थे.
भगवान ने कहा था तुम चिंता मत करो,
मैं तुम्हारा बेटा बनकर भी जरूद आओंगा,
इसलिए एक बरस्थक के लिए भगवान श्रम्पने के गोपियों के पुत्र बनते था.
गायों के मन में भाव था,
यसोदा राणि तुम कुछ नी भाद्धसाली है जो कृष्ण यासा बेटा तुमने पाया,
साइध कृष्ण यासा बेटा हमें मिल पाता,
तो हमारा भी जीवन सुधर जाता,
तो आज भगवान श्रम बछडे बनकर के गायों के पुत्र बनकर के �
गाय परिश्ण का प्रिक्वं के कै कुछ था ,
और नन्धी सिव का प्रिक्वं offended है,
काय का रक्षत जोपिन्द है और नन्धी का तरक दान कप शिव है,
योगेश्वर नर शिव को नर रस्ता है
योगीज्ञव station है,
प्रश्न है और जो योगियों का ईश्वर है वो मिरा शिप।
ब्रजमन्जन की शम्समन गोपियां निर्वस्थर
होकर की यमना में श्णान करती थीं।
भगवान या उन गोपियों पर कृपा करते हुए बरोन देवता अबना है को समझे।
उसके पश्याद भगवान मैया के पास आये मैया मुखों बहुत जोर्शे भूँप लगी
है जल्दी जल्दी कच्चु खावे के ताइन मुखों दे दे। मैया ने कही की जब तक
जैज़े की जैज़े नहीं होगी तब तक तो भूँप कच्चु खावे के ताइन में ले ले
धफिपार के बारान्न की बाेगाळ जो पोईं जकुए
पूजा हो जा रहे हैं
प्रधान मंत्री कोई जगती विशेश नहीं होता
जो उस पद पर बैठेगा वो प्रधान मंत्री कहलाईगा
इन्द्र कोई जगती विशेश नहीं है
जब जगती विशेश नहीं
है तो वो भगवान के से हो सकता है
कर्मणा जायते जंतो
कर्मना इब्लियते
शुक्खं दुख्खं भयंचेमं कर्मणा
करमन इत्वाबि पद्धते
विरसारे तु जल की बृष्टी करें
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