सर राज तेरे है
मेरे दिन
तेरे है
इन पहाडों से जाने जाने क्या रिष्टा लगे
ये जहां से भी ज़दा मिले तुम मुझे ही मिले
पहले नजरों से बाते फिर बातों से दिल ये ना भरे
है तनहा क्यूं राहे राहों में तू मेरी ना चले
चले
तुमसे कहना था मुझे पर दिल डरे
कहदू तुझसे खुदसे कहके हम रहे
माना मैने तेरे होके वस रहे
बिना तेरे
मुझे कुछ सच न लगे
तु मिले जो किसी को खुदा की नुमाईशो उसे
दुआओं में उसके असर होगा जादा मुझे से
तेरी यादों के साए में गुमसों रहूँगा बस अब मैं
हाँ
तुझसे कहना पाया बस गम रहेगा मुझे
मुझे