वो यादे अपरी ताज़ा है
जो कभी सनजीवनी थी
अब उनकी हर याद दिल को चुबन लगी है
तेरे बिना हर लमहा
अधूरा सा लगता है
जैसे चांदलनी रात हो और चांदल ना हो
दिल के हर कुणियें में
बस तेरा ही नाम है
तेरे बिना जिन्दगी
बेकानी सी लगती है
तेरे बिना हर लमहा अधूरा सा लगता है जैसे चांदलनी रात हो
और चांदल ना हो
देरी
हसी की खनक अभी कानों में गूँज़ती थी
तेरी
बाते याद कर दिल दहीं खो जाता है
तेरे बिना
हर लमहा अधूरा सा लगता है
जैसे चांदलनी रात हो और चांदल ना हो