वो जो मासूम चहरे पे हममर मिटे थे कभी तूट करअब मुहाबत की वो बिजलिया गिर रही है किसी और परवो जो मासूम चहरे पे हममर मिटे थे कभी तूट करअब मुहाबत की वो बिजलिया गिर रही है किसी और परवो जो मासूम चहरे पे हमअब मुहाबत की वो बिजलिया गिर रही है किसी और परराते माँगी थी हमसे हमारी हमने नीदे अपनी दिया थानम हुई थी जरा उनकी पलके जाम अशकों का हमने पिया थाराते माँगी थी हमसे हमारीहमने नीदे अपनी दिया थानम हुई थी जरा उनकी पलके जाम अशकों का हमने पिया थाएक जलक को मेरी जो तरसते जाते हैं दूर हटे करवो जो मासूम चहरे पे हममल मिटे थे कभी तूट करमल मिटे थे कभी तूट करनाम मेरा हटेली पे लिख के नाज़ करते थे अपनी वखापेकान हे पे रख के सर्वे खुदी में शर्म करते थे अपनी अदापेनाम मेरा हटेली पे लिख के नाज़ करते थे अपनी वखापेनाज करते थे अपनी वफा पेकांदे पे रख के सर वे खुदी नेशर्म करते थे अपनी अदा पेरस्मे उलफत की तोड़े हदें वोजो बसाया किसी गैर कोवो जो मासूम छहरे पे हममर मिटे थे कभी तूट कर