ये तमाशा मुहबत का जो लगा रखा है
घर के हर कोने में तनहाई को बसा रखा है
ये तमाशा मुहबत का जो लगा रखा है
उल्फते खाईशे दिल्लें
बलती हैं यहां
जो सच्छी है मुहबत मिलती है कहान
उल्फते खाईशे दिल्लें
बलती हैं यहां
जो सच्छी है मुहबत मिलती है कहान
फिर भी हर दिल ने जिदे अपनी बना
जो सच्छी है मुहबत मिलती है कहान
घर के हर कोने में तनहाई को बसा रखा है
ये तमाशा मुहापत का जो लगा रखा है
होते मुफलिच है इश्क के राही सदा
जो बदल जाए वो नहीं इश्क के अदा
जो बदल जाए वो नहीं इश्क के अदा
होते मुफलिच है इश्क के राही सदा
जो बदल जाए वो नहीं इश्क के अदा
उम्मीने चरावा को जलाए रखा है
घर के हर कोने में तनहाई को बसा रखा है
घर के हर कोने में तनहाई को बसा रखा है
ये तमाशा मुहबत का जो लगा रखा है
शिद्दते इश्क भी दम तोड़ देती है
वफा के बदले जफा अक्सर मिलती है
शिद्दते इश्क भी दम तोड़ देती है
वफा के बदले जफा
अक्सर मिलती है फिर भी आखों ने इसे खाब बना रखा है घर के हर कोणे में तनहाई को बसा रखा है
ये तमाशा मुहबत का जो लगा रखा है