सर्दी की शाम
है दूआदूआँ
हाथों में लेलू
तेरा जहाँ
तेरे बिना ये पल अधूरा सा है
तू मिले तो जहाँ
पूरा सा है
क्या तू सुनेगी दिल की बात
क्या तेरा दिल भी मेरे साथ
सर्दी की शाम तेरे नाम
तेरे नाम बस तेरे नाम
बात के आंचल में हो जाए गुम
मैं और तुम
बस मैं और तुम
छोटी सी बात में छुपा जहाँ
वेरे साथ हर गम लगता है आसान
शहर की रोशनी फीकी लगती जब तु आए मेरी दुनिया सजती
आँखों में है सो ख़ाँब
दिल में है एक सवाल
धरदी की शाम तेरे नाम तेरे नाम बस तेरे नाम बात के आंचल में हो जाए गुम
मैं और तुम
बस मैं और तुम