मिट्ती की खुश्बू है हवा में
पलकों पे सपने हैं सवारे
धूपों सी मसकान है
दिल ने पुकारा
मेहन्दी की शाम है दिल के अमर्म है
नाचेंगे धूँगत के पीछे शादि की शाम है
मेहन्दी के रंगों में बातें
सुर्माई रातों के रास्तें
दिल के तारों को ज्झेट दिया
सजनाने आके
चमक चम चम चम
पयल बोले दम दम
चमक चम चम चम दम दम पयल बोले दम दम
शादि की शाम है दिल के अमर्म है नाचेंगे धूँगत के पीछे शादि की शाम है
मेरा जुमका बोले मेरा दिल धड़के तेरी हसी से जान्द भी छुप जाए
तेरा लेहिंगा लहराए जमीन पे मेरी धड़कन भी साथ गुनगुनाए