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संत पुरान उपनिशदो बदा राम नाम नो महिमा गाय बगवान शनकर जी अभिनाशी
ये पन राम राम जेपया करे
तो महराज मारा मनमा सवाल उठो छे के राम कौन सर
राम कवन प्रभुपू चगुतोगी
कगगु बुदाई कुरुपानी धी भोगी
एक राम अवधेस कुमारा
तिन कर चरीत बिदित संसारा
नारी बिरहु दुख लगेवु यपारा
अने भयवु रोष रन रावन मारा
एक राम तो योध्या ना पुतर हता
दशरत जी ना पुतर एंने वनवाज थेलो
सिता जी ना वियोग में एंने कुब दुख सहन करयु
अने छले रावन ने मारी ने सिता जी नलेन पाछा
एगा रामराज जी नो सथापन करीओ
आराम नी मने खबर छे पण बाब जी सवाल एक छे
के शिव जी जेना नाम नो जब करे
एक दशरत ना पुतर राम एनु जनाम
के पति एराम कोई जुदा और दशरत ना पुतर पण जुदा
एक पति बनने एक
परभु सोई राम की अपर कोई जाही जपत तरपुरा रे
संकर जे नाम नो जब करे राम कोई जुदा के बनने एक
भरदवाद जी जवा रुशी ने आस सवाल थाए के जरा विचित्र लागे
भरदवाद जी द्वारा तुल्सी दाज जी ए आपना बदान परती निजित्प करवा यह सवाल आपना बदान सवाल यह सवाल आपना बदान �
बार ती मलय बदव उप्देश चे बोध तो अंडर ती परगदेश
बोध मान उप्देश मा बहुश फर्त
उप्देश तलय लादवी पजन-वधार्वी
बोध तेले मानवी ना रदई पर पडलू लैलेवू
अण धबाएलू खोलि ना गुतु
कए नवु आपानु नही, यनमा अतु?
शिला पड़ी अती, सुर, जाडु, वादल अतु, वादल नही, अताजी आती
सुरे तो थाही
असप्रभु रदई अच्छत अविकारी
सतव तो बदामा पड़ी मा, किरी मा, कुणजर मा
बोध एक जवरदस्थ वस्तु
इतले तुर्सिदाजी एक महतव ना परसंगे
बोध शब्द वाते है
बोध थवर थवर
अने अंदर थित थाए
अमुख स्थिति आगल परसि तमार कोईन पूछवू नपडरे
अंदर थित जवाब मलय आगल
मने एक बाई वडवाण मा कथा गयतो तो पसी एक बाई मले
32 मा तरिस वरस ने उमरद
मने कहे के मारे एक आंत मा परशन पूछवू
यो सु गमभीर परशन थे बले नइ पूछवू
सचतरी नो तमयद
आरु बदा गयत पसि एक ला बयथा रहत सचतरी अथा
मने कहे मरा बतरीस वरस थया था
मने बरमचारी सो मने एक परशन सतावे चरवा जवाम आपो
मने बहु नवय लगय
मे कहु परशन पथि मु सामलू तमार उपन
परशन पथि मु सामलू तमार उपन
एक वात कईदवू खटू नलगय
एक परशन पथि मु सामलू तमार उपन
एक परशन पथि मु सामलू तमार उपन
ना कवव तमय 32 वरस नि उमर धराओ चव नहम कवव चव मु बरमचारी चव
पाण सत्य रजू करजू
तमार परसन उपर थी मने पूचवा नी इकसा थयी अतले पूचवा नी
वले शु
नहम कवव खोटू नही लगय नही कहय नही
परसन कवव खययू, तमे ब्रह्माचारी नथी तमे कुमारा थी
बरम्चारी नथी कुमारा जरूर छू, तमे लगण नथी जरूर छू
परसन कवव खययू, तमे ब्रह्माचारी नी थी
परसन कवव खययू, तमे ब्रह्माचारी नी थी
परसन कवव खययू, तमे ब्रह्माचारी नी थी
परसन कवव खययू, तमे ब्रह्माचारी नी थी
परसन कवव खययू, तमे ब्रह्माचारी नी थी
परसन कवव खययू, तमे ब्रह्माचारी नी थी
परसन कवव खययू, तमे ब्रह्माचारी नी थी
परसन कवव खययू, तमे ब्रह्माचारी नी थी
कवव खययू, तमे ब्रह्माचारी नी थी
परसन कवव खययू, तमे ब्रह्माचारी नी थी
परसन कवव खययू, तमे ब्रह्माचारी नी थी
परसन कवव खययू, तमे ब्रह्माचारी नी थी
परसन कवव खययू, तमे ब्रह्माचारी नी थी
परसन कवव खययू, तमे ब्रह्माचारी नी थी
परसन कवव खययू, तमे ब्रह्माचारी नी थी
परसन कवव खययू, तमे ब्रह्माचारी नी थी