कबीर कहते हैं
मुनुष्य जीवन में एक विशेष्टा है
कांटों को फूल और फूल को कांटा बनाने की कला है
शर्ग को नर्क नर्क को शर्ग बनाने की विधि मुनुष्य के हाथ में है
सुख को दुख दुख को सुख में बदलने की केमिष्ट्री मुनुष्य के पास में है
समझना
सुख और दुख बगवान किसी को नहीं देता है
बगवान को क्या घरज पड़ी है तुमको सिह दुख दे
बगवान किसी को
शर्ग नर्क नहीं देता है
यह जनजट में पढ़ता नहीं है
तुम्हारा कर्म तुमको मिलेगा फल
लेकिन सुख और दुख के निरमाता तुम सेम हो
सर्ग और नरक के निरमाता तुम सेम हो
और सैम के भाग्य के निरमाता भी तुम सेम हो
इस में जो प्रधान मंत्री है उनकी हाथ में कोई बहुत ज्यादा रेखाएं नहीं
मैं उनकी रेखा देखा एक दिन उसमें ऐसे किया
उससे अच्छी रेखाएं आपकी बहुत हाथ में
लेकिन वो प्रधान मंत्री क्यों है
लगन, रुची, मेहनत, संयम, नियम
आज इतनी उचाई पर ले गया
आपको भी मैं कहूंगा
अगर लगन से लग जाओ
तो आप भी अपने लच्च
को प्राप्त कर सकते है
लच्च को प्राप्त कर सकते है
आपकी अंदर भी बहुत उर्जा है
बहुत सक्ती है
उसको पहचाने तो
हनमान चैली सा कहती है आपन तेज समहारो आपे तीनों लोग हाँक ते कापे
न्यूटन नाम का बेज्ञानिक रात में डिस्टर्ब हो रहा था क्योंकि बिल्ली और बिल्ली के दो बच्चे दरवाजे को खट-खटा रहे थे
तो उसने सुबह अपने नौकर को बुला या कहा कि बिल्ली और बिल्ली के दो बच्चे दरवाजे को खट-खटा रहे थी तो राज में निन्द डिस्टर्ब बिल्ली
तीश बोले क्यों खट खटा रहते थे? तो नोकर ने कहा कि वो बाहर निकलना चाहते थे
तो बोले फिर इस दरवाजे में दो छेंद कर दो तुम एक बड़ा छेंद कर दो उससे बिल्ली निकल जाए एक छोटा छेंद करो जिससे उसके बच्चे निकल जाए
तो नौकर ने कहा महोदे आप बिज्ञानिक हैं
एक बड़ा छेंद कर देते हैं
तो बिल्ली भी निकल जाएगे उसी छेंद से बच्चे भी निकल जाएगे
तो न्यूटन ने कहा कि ये इसका तो बिज्ञान मेरे से आगे है
देखी वो नौकर के पास भी इतना ब्रेन है
तुमारे पास भी बहुत बुद्धी है
लेकिन आपकी बुद्धी कले-कलेस में, चिंता में, बकवास में, प्रपंच में
सब खर्च हो जाती है
इस माया मोह में, रोने धोने में
आपकी बुद्धी नष्ट होती है
इस कले कले से अपने को बचाईए
इस चिंता और टेंशन से अपने को बचाईए
फिर देखिए आपके पास में बुद्धी का भंडार है
तुम क्या नहीं कर सकते हो
बहुत कमाल करने की ताकत है आपके पास
सोच बदलिये
एक बालक अपने पिता के साथ में किसी मेले में गया
आकास में गुब्बारे उड़ रहे थे
अनेक रंग विरंगे गुब्बारे
बच्चा
मचलग यहां बोला मैं भी गुब्बारा लूँगा
उसका पिता उस बच्चे को लेकर के गुब्बारा बेचने वाले के पास में पहुचा
बच्चा बोला मुझे कंधे से नीचे उताला
गुब्बारे वाले का कुर्ता पकड़ कर खींचा
जो गुब्बारा बेच रहा था
दोनों हाँ से कुर्ता पकड़ कर खीचा
उन लमबा कुर्टा जुमारे वाले टॉप हुआ क्यों सीच रहा हो लिए मैं बात करना चाहतसों गब्बारे लेना की बात करना
बोले लेना हुआ बात भी करना से विलेटर बात क्या है बल यह बात है कि लाल रंग का गोपरा बोध रहा है काले रंग
गैस भरी है इसलिए उड़ता है गैस भरी है कोई रंग का गुबबारा हो उसमें गैस भर दी जाएगी उड़ेगा अच्छा तो एक बात बताओ आप कितनी दिनों से गुबबारा बेच रहे हैं बोले मैं तो 40 साल से बेच रहा हूँ बोले तुमारे बाप क्या करते थे बोल
वो भी गुबबारा बेचते थे मैंने कहा तो बच्चा बोला जो हर रंग का गुबबारा उड़ सकता है तुम हर बक्ति इस धरती पर उन्नती भी कर सकता रेविकास कर तुम मड़बुंद को बेशने में क्यों उठकी हुई हो कुछ और भी कर सकते हो बड़ा इस वाद को शं
करके गुबारा वेचने वाला सोच में पड़ गया आपन तेज शमारो वापह तीनों लोक हांकते कांपर इस गुबारा वेचने वाले ने गुबारा की फैक्टरी डाला है और गुबारा की कंपनी का मालिक बन गया याद रखना कि तुम नौकरी ढूंढ रहे हो तुम तो ऐस
तुम्हारे अंदर कितनी कलाएं हैं कितने गुण हैं कितनी बौधिक क्षमता है कितनी शारीरिक है की चाहिए आलश में क्रोध में लालच में कि पड़े-पड़े सोने की आदत में नसाव्यसन की आदतमें आप अपनी शाक्तियों को बारात कर रहे हो यह सारी आदतों की ज
करुबहियां वले आपनी छाणी बिरानी आस
जाके आंगन नदियां बहे सोकसे मरे पियास
बहुत सुन्दर है
तवीर कहते है जिसके आंगन में नदी बहे रही है वो प्यासा कैसे मर सकता है
या तो आलसी होगा
पानी वो नदी तक जाना ही नहीं चाहता है पड़ोश में नदी
या तो पीना नहीं चाहता हो प्यास से तड़फ रहा
कुछ बात तो ज़िरूर है
आपके शामने विकास की गंगा बहे रही है
उस नदी में डुबकी लगाओ
आप बहुत उन्नती कर सकते हैं
धनवान भी बनो गुड़वान बनो महान बनो चरीत्रवान बनो
विचारवान बनो बुद्धिमान बनो विद्धवान बनो
और महान भी बनो
शराग पीकर कोई बलवान बन नहीं सकता
जुआँ खेल कर कोई धनवान बन नहीं सकता
एटल सत्य नियम है संसार का
बिना घुरू क्रपा के कोई महान बन नहीं सकता
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