पूने पकड़के हात मेरी जिन्दगी बना दीपूने पकड़के हात मेरी जिन्दगी बना दीउन गाउ सत्गुरुजी तेरा मुझे चरणों में जगा दीउन गाउ सत्गुरुजी तेरा मुझे चरणों में जगा दीतूने पकड़के हाथ मेरी जिन्दगी बना दी।पत्वार के बिना ही मेरी नाम चल रही है।हैरान है जमाना मन्जिल भिन रही है।पत्वार के बिना ही मेरी जिन्दगी बना दी।पत्वार के बिना ही मेरी नाम चल रही है।हैरान है जमाना मन्जिल भिन रही है।दीरान जिन्दगी को।दीरान जिन्दगी को।तेरी खुश्बू से महकार।तूने पकड़के हाथ मेरी जिन्दिगी बना दीतुम साथ हो जो मेरे किस चीज के कमे हैकिसी और चीज के कमे हैकिस चीज के अब तरकार ही नहीं हैतुम साथ हो जो मेरे किस चीज के कमे हैकिसी और चीज के अब तरकार ही नहीं हैपुणे गाँ तेरा हर गमओ...गुणे गाऊं तेरा हर दम जो चरणों में पना दी तूने पकड़ के हाथ मेरी जिन्दगी बना दीमैं तो नहीं हूं काबटेरा मार कैसे पाऊंटूटी हुई वाणी से गुणे गाण कैसे गाऊंमैं तो नहीं हूं काबटेरा मार कैसे पाऊंमैं तो नहीं हूं काबटेरा मार कैसे पाऊंतूटी हुई बाणी से पुण गान कैसे गाओ।मुझे जाने सब जमाना तूने है वो वजा दी।तूने पकड़ के हाथ मेरी जिन्दगी बना दी।