पूने पकड़के हाथ मेरी जिन्दगी बना दी
पूने पकड़के हाथ मेरी जिन्दगी बना दी
गुण गाओं बाबा हरी दास जी मुझे चरणों में जगा दी
गुण गाओं बाबा हरी दास जी मुझे चरणों में जगा दी
तूने पकड़के हाथ मेरी जिन्दगी बना दी।
पत्वार्य के बिना ही मेरी नाम चल रही है।
हैरान है जमाना मन्जिल भी मिल रही है।
पत्वार्य के बिना ही मेरी जिन्दगी बना दी।
प्रिणाव चल रही है। हैरान है जमाना। मन्जिल भी मिल रही है। दीरान जिन्दगी को।
दीरान जिन्दगी को तेरी खुश्बू से महका दी। तूने पकड़ के हाथ मेरी जिन्दगी बना दी।
तुम साथ हो जो मेरे ये किस चेज के कमे है। किसी और चेज के अब दरकार ही नहीं है।
तुम साथ हो जो मेरे ये किस चेज के कमे है। किसी और चेज के अब दरकार ही नहीं है।
आम साथ हो जो मेरे इस चीज की कमी है किसी और चीज की अब तरकार ही नहीं है
गुणे गाउं तेरा हर गम जो चर्ण में पना दी तूने पकड़ के हाथ मेरी जिन्दगी बना दी
कि तर्टियो दो
मैं तो नहीं हूं काबल तेरा कारे कैसे पाँँ
तूटी हुई वाणी से
गुणे गाउं तेरा हर गम जो चर्ण में पना दी
कुण गान कैसे गाऊँ? मैं तो नहीं हूँ काबिल, सेरा मार कैसे पाऊँ? तूटी हुई बाणी से कुण गान कैसे गाऊँ? मुझे जाने सबु जमाना
मुझे जाने सबु जमाना तूने है वो वजा दी, तूने पकड़ के हाथ मेरी जिन्दगी बना दी