ĐĂNG NHẬP BẰNG MÃ QR Sử dụng ứng dụng NCT để quét mã QR Hướng dẫn quét mã
HOẶC Đăng nhập bằng mật khẩu
Vui lòng chọn “Xác nhận” trên ứng dụng NCT của bạn để hoàn thành việc đăng nhập
  • 1. Mở ứng dụng NCT
  • 2. Đăng nhập tài khoản NCT
  • 3. Chọn biểu tượng mã QR ở phía trên góc phải
  • 4. Tiến hành quét mã QR
Tiếp tục đăng nhập bằng mã QR
*Bạn đang ở web phiên bản desktop. Quay lại phiên bản dành cho mobilex

Ganesh Chaturthi Vrat Katha

-

Đang Cập Nhật

Tự động chuyển bài
Vui lòng đăng nhập trước khi thêm vào playlist!
Thêm bài hát vào playlist thành công

Thêm bài hát này vào danh sách Playlist

Bài hát ganesh chaturthi vrat katha do ca sĩ thuộc thể loại The Loai Khac. Tìm loi bai hat ganesh chaturthi vrat katha - ngay trên Nhaccuatui. Nghe bài hát Ganesh Chaturthi Vrat Katha chất lượng cao 320 kbps lossless miễn phí.
Ca khúc Ganesh Chaturthi Vrat Katha do ca sĩ Đang Cập Nhật thể hiện, thuộc thể loại Thể Loại Khác. Các bạn có thể nghe, download (tải nhạc) bài hát ganesh chaturthi vrat katha mp3, playlist/album, MV/Video ganesh chaturthi vrat katha miễn phí tại NhacCuaTui.com.

Lời bài hát: Ganesh Chaturthi Vrat Katha

Lời đăng bởi: 86_15635588878_1671185229650

हम श्रीगरेश चत उर्ती वर्त कसार बताते हैं
पावन कथा सुनाते हैं
वृत की महिमा क्या है भक्तों तुम्हें बताते हैं
हम कथा शुनाथे हैं
कब से चली ये רीती वर्त की सब समझाते हैं
पावन कथा सुनाथे हैं
वृत की महिमा क्या है भक्तों तुम्हें बताते हैं
हम कथा शुनाते हैं
ये कथा है बड़ी महाद
सव आधसानों लगाके हरराड
इस कथा की है पहचान मिले मो हुआंगा वरदान
जैगण पति जैगण राजा जैगोरी पुत्र गनेश
चंदन तिलक करू मैं वन्दन काटो सभी कले
आप तो रिद्धी सिद्धी भगवन बुद्धी के दाता हैं
विगन विनाशक संकट हरता भाग्य विदाता हैं
शिवशंकर के आप तो भगवन राज दुलारे हैं
मागोरा के आप तो भगवन प्राणन प्यारे हैं
इस कथा है बड़ी महाद सब सुनो लगा के ज्यान
इस कथा की है पहचान मिले मुहांगा वरदान
सुन्दर और मनोहर पत है मन को भाया है
चोपड खेलिन का माताने मन बतलाया है बोले शिवजी हार जीत को कौन बताएगा
कोई तो हो शाक्षी जीत का जश्न मनाएगा
पारवती ने तिनकों काफिर कुतला बनाया है
कर दी प्रान परतिष्ठा पास में उसे बिठाया है
खेल हुआ प्रारंब मातने पहली चाल चली
देव योगवश बार बार मा को ही जीत मिली
कौन है जीता पूछा माने क्या बतलाते हैं पावन कथा सुनाते हैं
व्रत की महिमा क्या है भगतों तुमें बताते हैं हम कथा सुनाते हैं
ये कथा है बड़ी महाद सब सुनो लगाके ज्यान
इस कथा की है पहचान मिले मुह आँगा वरदान
बोला बालक जीत हुई है भोले शंकर की
आपनी पुनने ही खेल में माता ना हो टक्कर की
क्रोध में आकर माने उसको लंगड़ बना दिया
पड़े रहो यहां कीचड में फिर उसको शाप दिया
हाथ जोड़कर बोला बालक मुझसे भूल हुई
शमा करो हे जगजन नी तुमसा नहीं कोई
शाप मुक्ति की युक्ति माता मुझको बतलाओ
मम्तमाई मा मुझ पर अपनी करुणा बरिसाओ
क्या बतलाया पारवतीने तुमें बताते हैं पावन कथा सुनाते हैं
व्रत की महिमा क्या है भगतों तुमें बताते हैं हम कथा सुनाते हैं
ये कथा है बड़ी महान सब सुनो लगाके ज्यान
इस कथा की है पहचान मिले वो आंग वरदान
नाग कन्ने आय गनपति का जो ये व्रत करती हैं
करना तुम भी उस व्रत को उपदेश वो देती हैं
स्री गणेश का व्रत करने से मुझे को पाओगे
व्रत के पुन करम से तुम भी भवतर जाओगे
नाग कन्ने आय वहाँ एक वर्ष बाद में जब आयी
किया गणेश का व्रत पूजन उसको भी बतलाई
बार दिवस उस बालक ने शिवसुत का व्रत है किया
हो प्रसन गणपती जी ने उसको तब दर्श दिया
क्या वर चाहते हो बालक वो जाने नचाते हैं पावन कथा सुनाते हैं
व्रत की महिमा क्या है भगतों तुम्हें बताते हैं हम कथा सुनाते हैं
ये कथा है बड़ी महाद सब सुनो लगाके ध्याद
इस कथा की है पहचाद मिले मोहांगा वरदाद
बोला बालक मुझे को चलने की शक्ती तुम दे दो
मात पिता हो बेप्रसन ये मुझे को वरदे दो
इतना दे वरदान गड़े से तो हो गए अंतर ध्यान
फिर तो शापित
बालक ने पाया है वो वरदान
प्रशिया गड़े खेला शिव बालक शिवजी हरशाये
कैसे यहां तक आये हो तुम जाने न वो चाहे
उस बालक ने श्रीगनेश का वर्त बतलाया है
रूट के गोरा गई पिता घर शिव ने बताया है
फिर तो श्रीगनेश का वर्त शिव करना चाहते है पावन कथा सु
ये कथा है बड़ी महान सब सुनो लगा के ध्यान
इस कथा की है पहचान मिले मुह आंगा वरदान
फिर तो वर्त करने की शिव ने मन में ठानी है
किन्टू उससे पहले वर्त की विधी भिजानी है
इकीस दिनों तक कीए वर्त को भोले भंडारी
गनपति गान कुनित करते हैं शंकरत पुरारी
वर्त पुन्न को पाया शिव ने गौरा आई है
क्या जादू कर डाला भोले जान न चाहती है
शिव के लाशी ने फिर तो वो वर्त बतलाया है
अदबुत वर्त है गणपती का मा मन हरशाया है
पावरत् करना चाहती हैं ये वेद बताते हैं
पावण कता सुनाते हैं
वरट की महिमा क्या हैन। भगतों तुम्हें बताते हैं
हम कतां सुनाते हैं
ये कता। है बड़ि महाường।
सब सुनों लगा के ज्यांज
जिकता की है पहचान मिले मुहांगा वरदान
पारवती ने फिर तो गनेश के वर्त को मान लिया
निर्रावाद्मैं।
व्रत पूजन से फिरतो गरेष जी खुष हो जाते हैं
भाई कर्तिके की बुद्धी को पल में घुमाते हैं
इकीससे विदिन आ जाते कार्तिके सब हर्षाते हैं
पावन कथां सनाते हैं
व्रत की महिमा क्या है भगतों तुम्हें बताते हैं हम कथा सुनाते हैं
ये कथा है बड़ी महान सब सुनो लगा के ध्यान
इस कथा की है पहचान मिले मो हुआंग वरदान
करती के वरत पूजा करनी चाही है
रिद्धि सिद्धि बुद्धी के दाता ये कहलाते हैं
इनका वरत पूजण करने से सद्गती मिलती है
मन चाहा फल मिलता सुक्ष्टी क्यारी खिलती है
इकीस दिनों के वरत की महिमा वेद बताते है
पावन कथा सुनाते है वरत की महिमा क्या है
वगतों तुम्हे बताते है हम कथा सुनाते है
ये कथा है बड़ी महाण सब सुनो लगा के ज्यान
इस कथा की है पहचान मिले मो हुआंग वरदान
श्री गरेश चतुर्ती वरत की विधी सुनो धर ध्यान
कैसे पूजन करते गरेश का खुश होते भगवान
श्री गरेश चतुर्ती के दिन पहले उठते हैं
सारे काम समपन करके इसनान वो करते हैं
सब सुत्रे वर intentions Are
कथा सुनाते हैं
प्रत की महिमा क्या है
भगतों तुम्हें बताते हैं
हम कथा सुनाते हैं
ये कथा है बड़ी महाद
सब सुनो लगाके ज्यान
इस कथा की है पहचान
मिलें वो हुआंग वरदान
फिर तो श्रीगन एशकी प्रतिमा को नहलाते हैं
वस्त्र पैना कर चोकी पण गणपती बैठाते हैं
ग्यारे है जोडी तुर्वा अक्षत फल को चड़ाते हैं
पुष्प माल सिंदूर सुपारी आपको भाते हैं
द्वजा नारियल और जनेयू आपपे चड़ाते हैं
बूंदी मोदक का गणपती को भोग लगाते हैं
द्रत का दीप जला गणपती को करते हैं वंदन
गज मुक पर सजता है भक्तो भाल तिलक चंदन
श्रीगन एश चाली साफ़िर सुनते सुनाते हैं
वावन कथा सुनाते हैं व्रत की महिमा क्या है
भगतों तुम्हें बताते हैं हम कथा सुनाते हैं
ये कथा है बड़ी महान सब सुनो लगाके ध्यान
इस कथा की है पहचान मिले मुह आंगा वरदान
श्री गनेश के मंत्रों का भी करते उच्छारण आरती गाते गनपती की
है जुकते है चरणन अन्त में भूल चूक की प्रभु से शमा मांगते हैं
शंर दर्शन करते हुए फिर अर्ग को देते
हैं उसके बाद फिर तो भक्तों भोजन है करते
श्री गनेश की किरपा से सब संकट है तलते
रोग दोश्या मंगलेन से सब घबराते हैं
ज़िनेश बेनायक लंबोदर कहलाते हैं पारभ्रम अवतार गजानन
जी कहलाते हैं पावन कथा सुनाते हैं पृत की महिमा
क्या है भगतों तुम्हें बताते हैं हम कथा सुनाते हैं
यह कथा है भडि महात
शब सुनो लगा के ध्यान
इस कथा की है पहचान
मिले वो आँगा वर्दान
करता है
मनवाँचित फल श्री गरेश से वो पाता है
सब देवों में इनकी पूजा पहले की जाती है
रिशी, मुनी क्या सारी शिष्टी इनको ही ध्याती है
कोई भी पूजार चना चाए करता कोई हवन
पूरण ना हो पाता भगतों श्री गरेश के बिन
मुनेंद्र प्रेम जी सुमिर शारिदा कलम चलाते
हैं रजवासी गनपति चतुनती की कथा सुनाते हैं
व्रतों में उत्तम शिवजी इस व्रत को बतलाते हैं पावन कथा सुनाते हैं
व्रत की महिमा क्या है भगतों तुम्हें बताते हैं हम कथा सुनाते हैं
ये कथा है पड़ी महान सव सुनो लगाके ध्यान
इस कथा की है पहचान मिले मुह मांगा वरदान

Đang tải...
Đang tải...
Đang tải...
Đang tải...