व sab gider करेंगे
एक Shanthi Janna
एकोंटीकाथा अरक से जो फिțाष कबूल आयते था।
हैं खिरते किसे हैं
आप लोगों ने पहले और भी कता गोंबार सुनी होगी
और आगे वी सुनोगे
लेकिन इस कता को तरह द्हिःणचा सुनें
क्योंकि भागवत महापुरान
को केवल सुन लेना ही सब पुछ नहीं होता।
प्रत्व महवारान की कथा को क्या आप सुन
लोगे तो क्या आपको मुक्ति मिल जाएगी ?
क्या आप भावसागर से पार हो जाओगे ?
शुरू दी आत congratulate
को कौब में बडी सकता है
क्यों कि भगवत महापराण की कता
एक वीष के जैसी होती हैं।
आप लोगों ने जहर को देखा?
वीष का काम क्या होता है नुत्यू पद को प्राप्ट कराना।
कहने से कहा जहर को आप चाही को ऐयालिशियों,
तप ही जहर आपको मुख जाती हुंगा.
ह� chỨे या क्योंके जहर को मुखना आ vadakahare kolhmanda au,
jahre ko lakshi yo na
तप पी जहर आपको मुखना जाती हूगा।
चाहे तो आपको जहर पीने के कोई मजबूरी हो।
भाई मजबूरी से भी कई लोग पी लेते हैं।
जिस भी प्रकार से आप जहर को पीओगे,
निश्चित वहाँ जहर आपको मोत के घाट उतार देगा।
उससे प्रकार भागवत महापुरान के भी कता है,
चाहे आप आपकी इच्छा से सुनो,
चाहे घड़ से किसीने जबर्जयस्ति भेजा हो,
चाहे तो आपकी सुनने के कोई मजबूरी हो।
जिज़ भाव सिवशास कता के पांडाल में भी यदी आकर के बेट जाओगे,
तो भागवत महापुरान की कता आपको भाव सागर
से पार करने वाली आपको मृत्यू पद्स।
लेकिन
भागवत महापुरान की कता को
कब कईसे स्रवन करें?
जित संग जितिंद्रिय यदी कता सुनने बेटो तो
सबसे पहले अपनी सासो को अपनी बस में करना है।
इंद्रियों को भी अपनी बस सरकर करें।
क्योंकि कता सुनते समय महाराज अनेक प्रकार के बिगन सताते हैं।
आखे बन करके तुम सुचोगे की घर न जाने क्या हो जाये।
बेटे यहाँ हो,
पता चले कि कई बहुं घर न कुछ बेच न दे।
आप कता तो सुन रहे हो,
इसको आप कथा मत संजूँ। यह केवल कथा है। आप तो मन
में इसा भाव बनाएं कि भागवत महा पुरान की कथा नहीं,
सोयं भगवान स्री किष्ण ही आपको मिल गये हैं।
वो भागवत महा पुरान की कथा सब्ध का रूप लेते हैं और वही सत्व
कानों की माध्यम से होते हैं अंत करन के प्रवेश करते हैं,
यह नहीं है।
तर्णिवाद में करे कि हे बज़वान
आपने ऐसे गोर कल्युग में हमें जनम दे
करके बेजा जहां पर पाप ही पाप होते हैं
लेकिन ऐसे कल्युग में भी ऐसे अमुल्य कथा दे दी बाकि
कोई चीज की आउसाँ नहीं हैं हे गोबिंद बड़ी करपा है आपकी
आप,
जिस कथा को बेढ़ करके स्त्रवण कर रहे हो वो कथा शुनने
के लिए पता है कि इंद्र भी कथा शुनने को मिल जाया
मmaker meant for the
Indian
India or
Ok
sou Foundation
to
So
I
am
not
यदि तुमको कथा सुनना हैं तो पहले धराधाम पर मनुष्य का रूप
लेकर के आना पड़ेगा तब जाकर के तुमें कथा सुनने को मिलेगे
तो जो कथा इंद्रु को नहीं मिली वही कथा आज हमको
मिल रही है हम अपने आपको कितने बड़ भागी समझे महराज
कुछी अभी उन भक्तोपर भगवान
अपने भगवान के कृपा नहीं हुई।
अधि उन भगतों पर भगवान के कृपा होती,
तो भी आज का था कि पांडाल में आ करके बेट करके कथा सुन रहे होते।
जिसे आपकर भगवान के कृपा करी है।
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