तद की
आंदिया आए हैं
तूटे सब सपने भीखर के
लेकिन ये दिल नहीं रुका
भगेगा ये अब सडकों पे
जिन्दा हूँ मैं यहाँ
जीने का नशा है
हर दिन एक नया है
आसमा से भी हुचा
लासिते मुश्किलों से भरे
लेकिन है जजबा पूरा
तुफां फिर भी तकराएं हम हस के पार करेंगे
हिम्मत से लोहालें
मन्जिलें हासिल करेंगे
जिन्दा हूँ मैं यहाँ
जीने का
नशा है
हर दिन एक नया है
आसमा से भी हुचा