सामायिन हजरात
हमेशा की तरहा
मैं आपके लिए एक और बहुती ही धर्दभरा वाकया लेके आया हूँ
जिसका उन्भान है ये कैसी महब्बत देखी है असराथ एक गरीब लड़के से एक अमीर
लड़की की किस तरह से महब्बत होती है और उस लड़की की शादी हो जाती है
पेशकष शबनम मीजुक NBJ जुनेजा जी की है और
इसके फनकार है शकील अश्पाक पवाल और एना बदाईँ
पिशोर मलोत्रा जी ने इसके सयोजक है देवंदर खदाना जी रिकारडिंग
जी की है एस कल्यानी इस्टूबियो दर्यागंज नई दिल्ली तो लीजी अजराग
ये कैसी महब्बत ये बहुती दर्दभरा वाक्या मैं आपको सुनाने जा रहा हूं
अगर आप इसे ध्यान से सुनेंगे तो आपकी आफों
में आशु आजाएंगे तो लीजीए मुलेज़ा कीजे
शाद सुनकर जी से रोएगा जमाना सुनलो
गम में डूबी हुई चाहत का फसाना सुनलो
शाद सुनकर जी से रोएगा जमाना सुनलो
गम में डूबी हुई चाहत का फसाना सुनलो
पेश करता हूं मैं ये कैसी मोहबत का बयां
गौर से अब सुनो एक ऐसी मोहबत का बयां
एक तज्जार था करता था तिजारत अपनी
पूरी वो करता था उससे ही जरूरत अपनी
जहां वो जाता था जब वो एहतराम करते थे
शहर के लोग भी जुप कर सलाम करते थे
वो मालदार था दॉलत थी बेशुमार उस पर हर एक आदमी करता था एतवार उस पर
जो उसकी बीवी थी अच्छा ख्याल रखती थी
कभी ना छेहरे पे रजो मलाल रखती थी
नसीब देखिये बस उसपे एक लड़गी थी जो पाकबाज थी बेहद ही नेक लड़गी थी
हमेशा नाज वो माँबाप के उठाती थी
बेपरदा होके वो बाहर कभी ना जाती थी
पडोसी उनका बहुत मेहरुबान लड़का था
वो दिल का नेक था और नौजबान लड़का था
मिला था दाद यतीनी उसे तो बच्चपन में
वो तनहा रहता था बस अपने घर के आंगन में
मिजास अच्छा था उसका वो खूब सूरत था
भरोसे मंद था दिल उसका बेकतूरत था
जो मुफलिसी में भी मस्रूर होके रहता था
नाहाल गम कभी अपना किसी से कहता था
वो आददा जाता था तज्जार के भी घर अकसर
बहुत भरोसा था ताजिर को उसकी नियत पर
बड़े ही प्यार से तज्जार उस से मिलता था
गरीब लड़के का छेहरा खुशी से खिलता था
गरीब लड़के की आदत बड़ी निराली थी
बिलों में सब के ही उसने जगा बना ली थी
वो लड़का जिस गड़ी ताजिर के घर में आता था
तोस की बेटी के दिल को बहुत लुभाता था
वो दोनों प्यार से हस हस के बात करते थे
बस ऐसा होंसला दिन और रात करते थे
ये हाल देख के तज्जार को नहैं रत थी
यखीं था इसलिए लड़के की अच्छी आदत थी
कहा ये एक दिन ताजिर ने अपनी बीबी से
जवान हो गई अब बेटी खुश नसीबी से
मेरा ख्याल है बस इतनी बात को पालो
अब अपनी लाड़ली बेटी की शादी कर डालो
तो बीबी बोली तुमारा ख्याल अच्छा है
रखा ये आपने मुझे से सवाल अच्छा है
जवाब है मेरा रिष्टा शहर में ढूंडो तुमों
हो कोई लड़का किसी की नजर में ढूंडो तुमों
करो ये तदकिरा तुम अपने मिलने वालों से
बताओ बात ये तुम अपने रिष्टेदारों से
बहुती ही जल्द उने लड़का मिल गया ऐसा
वो जिसके पास सुनो बेशुमार था पैसा
शहर के लोगों में अच्छा वकार था उसका
तिजार की था बड़ा कारोबार था उसका
गरत अमीर वो लड़का फसंद कर आया
ये बोला बीवी से जिस वक्त अपने घर आला
इसी शहर में है लड़का जो आज देखा है
नजर से मैंने उसे खुश मिजाज देखा है
अकेला लड़का है माँ बाप मर गए उसके
ख्याल अच्छे थे दिल में उतर गए उसके
अमीर जादा है और काम है तिजारत का
ना देगा वो कोई मौका हमें शिकायत का
अच्छानक आ गया धर में घरीब का लड़का
ये सुनके तडपा बहुत कम नसीब का लड़का
गरीब लड़के को ताजिर ने फिर ये बतलाया
जो लड़का बेटी की खातिर मैं देख कर आया
बहुत हसीन है उचा है कारोबार उसका बड़ा रहीस है चर्चा है बेच्छुमार उसका
घरीब लड़के के दिल से ये सुनके आहा निकली
तड़प के रह गया जैसे के उसकी जान निकली
गया वो रूबर फ़ौरण अमीर जादी के
किये थे बाप उने चर्चे जो उसकी शादी के
बता दी बात ये लड़की को उसने खुश होकर
बाद उसके लड़का वो बोला घरीब का रोकर
मुझे है तुमसे महबबत यकीं करो मेरा
यही है मेरी ह़पीकत यकीं करो मेरा
कहा ये लड़की ने मैं भी तो तुम पे मरती हूँ
तुम्हारे इश्कु में दिन रात आहिं भरती हूँ
मगर मैं क्या करूं तै मेरा हो गया रिष्टा
हम एक हो सकें ऐसा नहीं कोई रस्ता
पिदर से अब मेरे जाकर करो भुजारिश तुम
हमारे प्यार की उनसे करो शिफारिश तुम
गरीब लड़के का ये सुनके दिल धडक उठथा
गरीब लड़के का ये सुनके दिल धडक उठथा
गरीब लड़के का सुनके ये दिल धडक उठथा
मिलन की आसिती शोला कोई धड़क उठथा
कहा गरीब उने लड़की से चश्मुनम हो कर
ना जी सकुंगा मैं अब तेरे प्यार को को कर
तुम्हारे बाप से फिर भी ये कह नहीं सकता
ये गम जुदाई का मुम्किन है सेह नहीं सकता
ये रिष्टा तूपा तो दुशवारियां बहुत होंगी
तुम्हारे बाप की रुसुवाईयां बहुत होंगी
तुम्हारे बाप पे उंगली उठाएगी दुनिया
तमाम उम्र ये तानी सुनाएगी दुनिया
मैं गम उठाऊंगा ऐसा नहीं होने दूंगा
तुम्हारे बाप को रुसुवा नहीं होने दूंगा
तुम्हारी शादी हो हस्रत है ये मेरे दिल की
गुजर ही जाएगी सरसे घरी ये मुश्टिल की
घरज के देखी ये बारात आई लड़की की
अमीर के हुई घर से विदाई लड़की की
गरीब लड़का परेशा था देख कर मन्जर
चला जुदाई का उसके जिगर पे ये खंजर
चला जुदाई का उसके जिगर पे ये खंजर
चला जुदाई का उसके जिगर पे ये खंजर
अमीरी लड़की भी उस वक्त होश पोती थी
वो अपने प्यारी को अब याद करके रोती थी
दुलन वो जिस घरी ससुराल अपनी जाप पोहती
फिर उसके दिल में अचानक ये बात आप पोहती
इरादा कर लिया शोहर से दूर रहने का
तमाम उम्र यूँ ही आसूओ में बहने का
सुहाग रात थी शोहर करीब आता है फिर उसका हात से घूंगट वो अब उठाता है
तो वो ये कहती है बढ़ता बुखार है मेरा अकेला छोड़ दो दिल बेकरार है मेरा
वो लड़का नेक था उसने ना कुछ शिफारिश
की अकेला सो गया मिलने की ना गुजारिश की
जो रात गुज़री सुभा आई खुश नसीबी से अमीर जादे ने पूछा ये अपनी बीबी से
मुझे बताई ये कैसी तुमारी हालत है
बे खौफ़ मुझे से कहो गर कोई शिकायत है
मिजाज रखती थी अपना वो बदःवासी का
सबब ना कोई बताती थी वो उदासी का
फिर अपनी बीबी से एक दिन अमीर ने पूछा
तुमारा छेहरा क्यूं हर दम उदास है रहता
मायूस रहती हो क्यूं दिन और रात बतला दो
तुमारे दिल में है गर कोई बात बतला दो
समझ के दोस्त मुझे राज दिल का तुम खोलो
किसी से प्यार किया है अगर तो ये बोलो
तुमारे प्यार से बेशक तुमें मिलाऊंगा
मैं कोई शिक्व दुबां पर ना अपनी लाऊंगा
ये माना मेरे भी दिल में तुमारी मुल्फत है
ओधासी आपकी मेरे लिए कयामत है
तुम अपने इश्च के हालात मुझे को बतलाओ
करो न फिकर हर कु बात मुझे को बतलाओ
यकीन बीवी को उस पर हुआ तो ये बोली
जो बात दिल में थी उसके वो इस तरह खोली
जो बात दिल में थी उसके वो इस तरह खोली
जो बात दिल में थी उसके वो इस तरह खोली
मैं प्यार करती हूँ जिससे गरीब लड़का है
ना कोई उसका है वो कमनसीब लड़का है
उसी का चेहरा तसवर में मेरे रहता है
बस उसकी याद में हर अश्प मेरा बहता है
सुनी अमीर ने ये बात तो मला लाया
तो उसके होतों के फ़ुरण ही ये सवाल आया
ये जिफर शाजी से पहले अगर किया होता
तुम्हारे अश्प में दिल मैंने ना ढिया होता
तुम्हारा प्यार भुलाना भी अब तो मुश्किल है
किसी से दिल को लगाना भी अब तो मुश्किल है
मगर जो वादा किया है उसे निभाऊंगा
तुम्हारे प्यार से जल्दी तुम्ही मिलाऊंगा
पता लगाऊंगा मैं जल्द तर अभी उसका मुझे दो तुम्पे हो नंबर अगर कोई उसका
जब उसकी बीवी ने नंबर बता दिया उसको
फोनुस अमीर ने फ़ोरण लगा दिया उसको
गरीब लड़के को सब पुछ बता दिया उसने
मिलेंगे पार्क में गलिये पता दिया उसने
गरीब लड़के के छेहरे पे फिर खुशी जल्की
मिलेंगे प्यार से ये फिकर हो गई कल की
ये सुनके बीवी के दिल को बहुत कराराया
जुबापे शुकुरिया शोहर का बार बार आया
वो अगले दिन उसे पार्क में लेके जा पहुचा
वहाँ गरीब का लड़का भी फिर तो आप पहुचा
उन्हें अमीर ने मिलवादिया मसर्रत से
तो उसकी दीवी ने देखा उसे मोहबत से
करीब आई वो शोहर से ये लगी कहने
और उसकी आँख से आँसू भी फिर लगे बहने
मैं दिल से प्यार तुमारा भुला नहीं सकती
मैं तुमको छोड़ के अब दूर जा नहीं सकती
शादिये देख के हैरत में पड़ गया आशिक दूआएं दे के वहाँ से गुजर गया आशिक
दूआएं दे के वहाँ से गुजर गया आशिक
दूआएं दे के वहाँ से गुजर गया आशिक