आईयेगा एक रागनी आप सबी के बीच में और इस रागनी के माध्यम से बता दिया गया जो भी एक तिरिया के चक्कर में पड़ा है वो इस दुनिया के अंदर बच नहीं पाया कैसे कैसे लोग बरबाद हो गए आईये सुनेगा बाकी हवाला इस रागनी
इस रागनी को आप सुनेंगे देहाती रागनी एंड जी के माध्यम से सुनेगा
हेरे विलव दिवाने बात मान मेरी
पाछै पछ्टावेगा
हेरे तिरी आविश्की बेल पता तिरे हाथ नहीं आवेगा
विलव दिवाने बात मान मेरी
पाछै पछ्टावेगा
तिरी आविश्की बेल पता तिरे
हाथ नहीं आवेगा
हाथ नहीं आवेगा
इस राजनी पे खुश हो करके
आदमी है हमारे अंकर जी
जो देहाती राजनी एंडी से
कंपनी के ओर्गेनाइजर हैं
21 सुरते का भृष्कार दे रहे हैं
बार बार धन्यवाद
हेरत्रिया ने हिजाब भरत ली
काड़ दिये जंगल में
साया तिरियों के दंगल में
छोड़ पिता की लहांस पहचा मुझ
तिरिया के चंगल में
बदल रादा अपना भी तुझे
समझाऊं मंगल में
तेरे सभी गंदगी ढुल जा जल में
सभी गंदगी ढुल जा जल में
नफा ने।
नहीं ठावेगा तेरी आविश की देल पता तेरे हाथ नहीं आवेगा
नहीं ठावेगा तेरी आविश की देल पता तेरे हाथ
नहीं ठावेगा तेरी आविश की देल पता तेरे हाथ नहीं आवेगा
नहीं ठावेगा तेरी आविश की देल पता तेरे हाथ नहीं आवेगा
नहीं ठावेगा तेरी आविश की देल पता तेरे हाथ नहीं आवेगा
हाथ नहीं आवेगा
नहीं ठावेगा तेरी आविश की देल पता तेरे हाथ नहीं आवेगा
नहीं ठावेगा तेरी आविश की देल पता तेरे हाथ नहीं आवेगा
नहीं ठावेगा
तेरी आविश की देल पता तेरे हाथ नहीं आवेगा
हाथ नहीं आवेगा