आईये गौर करते हैं आगे
कहते हैं
महत्मा कबीरदास जी
कैसा ये सरीर रूपी महल है
जिसमें चोरी हो जाती है
और पतहे नहीं चला कब चोरी हो गई कैसे क्या हुआ
कहते हैं कबीरदास जी
हर तेरा किसने लाल चुराया
दर खुले न तूठे तारे
तेरा किसने लाल चुराया दर खुले न तूटे तारे
तेरा किसने लाल चुराया दर खुले न तूटे तारे
तेरा किसने लाल चुराया दर खुले न तूटे तारे
तेरा किसने लाल चुराया दर खुले न तूटे तारे
कहते हैं कबीर दासी
न दर बाजे दसावी मोरी
न दर बाजे दसावी मोरी
और सवही बांदा भाई है कैसे छोरी
कैसा ये महल है
जामेन और दरवाजे दसमी मोरी
सवही बांदा भाई कैसे छोरी
माला टाला सवगाओ बर जोरी
हरे, हरे
अब बेद किसी नहीं पाया
दस घर में छूते भुआरे
तेरा किसने लाल्य चुबाया
धर खुले ना तूटे तारे
तेरा किसने लाल्य चुबाया
धर खुले ना तूटे तारे
तेरा किसने लाल्य चुबाया
धर खुले ना तूटे तारे
अदर खुले ना तूटे तारे
तेरा किसने लाल चुबाया दर खुले ना तूटे तारे
अगे हरे नगद माला वो किन खोले गए
और खड़े रे सब देखत रहे गए
और खड़े सब देखत रहे गए
पर पकड़ किसने नहीं पाया सब खड़े रहे पहरे बारे
तेरा किसने लाल चुबाया
दर खुले ना तूटे तारे
तेरा खुले ना तूटे तारे
तेरा खुले ना तूटे तारे
तेरा खुले ना तूटे तारे
तेरा खुले ना तूटे तारे
तेरा खुले ना तूटे तारे
तेरा किसने लाल चुराया दर खुले न तूटे तारे
तेरा किसने लाल चुराया दर खुले न तूटे तारे
तेरा किसने लाल चुराया दर खुले न तूटे तारे
अब माला हात से सवीराना
अब उसी माल का पता लगाना
उसी माल का पता लगाना
माला हात से सवीराना
उसी माल का पता लगाना
गंगा दास गए मुलक विराना
जब खरचा ना कोई पाया
सब खड़ रह पहरे बारे
तेरा किसने लाल चुराया दर खुले न तूटे तारे
तेरा किसने लाल चुराया दर खुले न तूटे तारे
तेरा किसने लाल चुराया दर खुले न तूटे तारे
तर खुले न तूटे तारे
तर खुले न तूटे तारे
तर खुले न तूटे तारे
तर खुले न तूटे तारे
तर किसने लाल चुराया दर खुले न तूटे तारे
तर किसने लाल चुराया दर खुले न तूटे तारे