तू लगे दूले जी, तू लगे दूला सा, किया है मेरे रात हो ले जी, किया किसने किया, श्रिंगार हो ले जी
तू लगे दूला सा, सिल्गार बूले जी, तू लगे दूला सा, सिल्गार हो ले जी, तेरा किसने किया, श्रिंगार हो ले जी
ताली की सेवा हम परात्र भरुणाजी वो सजा रहे हैं
और कहते हैं क्या
क्या लगाया मस्तक पर
मलिया गिरिचर्पना
और केशर का तिलक भुले नाही को लगारे है घण
मस्तक पर मलिया गिरिचर्पना
केशर तिलक लगाया
ओर मुखुट कणों में
मिच्चि दिर्च्र बहुत चलकाया
बहुत बहुत ओर मुखुट कणों में
मेच्चि वहुट चलकाया
बह हे किता रहे
तेरा किसने किया श्रीकार भोले जी
तू लगे दूना सा दिलकार भोले जी
तेरा किसने किया श्रीकार भोले जी
तू लगे दूना सा दिलकार भोले जी
तू लगे दूना सा दिलकार भोले जी
तू लगे दूना सा दिलकार भोले जी
तू लगे दूना सा दिलकार भोले जी
तू लगे दूना सा दिलकार भोले जी
तू लगे दूना सा दिलकार भोले जी
तू लगे दूना सा दिलकार भोले जी
तू लगे दूना सा दिलकार भोले जी
तू लगे दूना सा दिलकार भोले जी
तू लगे दूना सा दिलकार भोले जी
तू लगे दूना सा दिलकार भोले जी
तू लगे दूना सा दिलकार भोले जी