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सिम्रन्ते लाग्ज़िने आप दियाला
नानक जनकी मंगेर माला
प्राप्पो सिम्रेशे पारुपकारी
प्राप्पो सिम्रेशे साध वर्हारी
प्रॉप्पो सिम्रेशे मूक्... सुः .... हावे
प्रступो सिर्मृतेन प्रॆप्पो ... सुः... हवे
प्रॉप्पो सिम्रेथेन आतमझीता
प्रॉप्पो सिम्रेथेन निर्मजरिता
प्रप्पो सिम्रेथेन अन्ध खनेरे
प्राप्पो सिम्रे बसेल हर नेते
संत किरभाते अन्धेन जब
प्राढनच सिम्रण पूरे पाग
प्राभ्के सिमरण कारज पूरे
प्राभ्के सिमरण हर गुणल बानी
प्राभ्के सिமरण निचल असन
प्राभ्के सिमरण अनफच्छुण कार
सिमरे अनुसेउ डयान जिनको प्रवमय वार्ड
नाने तिन्जन सरनीपया
हर सिमरण कार पगत परगटाए
हर सिमरन पाय सिज़गति दाथे
हर सिमरण तारि समतार्ना
हर सिमरन क्यो सघल अकारा
कार किरपा जिस आ पुझाया
सुक्षमनी सुखमरध प्रमणाम
अट एक सलोक
दीन दर्द दुख पंजना
काट काट ना थे अनात
सरण तुमारी आयो नानक के प्रभसात
सात नाम सिरिवाहि गुरु अश्टपदी
जै मात पिता सुतमीत ना पाई
मनुवार नाम तेरे संग सहाई
जै महा प्यान दूत जम्दले
जै केवल नाम संग तेरे चले
जै मुश्कल होवे अत पारी
हर को नाम किन माय उठारी
अनिक पोने चान कर्क नहीं तरे
हर को नाम पोट पाप पर हरे
गुरु मुख नाम जपो मन मेरे
नाने पावो सूत रेरे
सगल स्विष्ट को राजा दुखिया
हर का नाम जपत होई सुथिया
लाख रोरी बंद नपरे
हर का नाम जपत निस तरे
अनिक माय रंग तिखना बुजावे
हर का नाम जपत रागावे
जे मारग एजात केला
ये हर नाम संगो स्वेला
ऐसा नाम मान सदाते आईए
नाने गुर्म परम गध पाईए
छूटत नहीं कोट लख बाही
नाम जपत ते पार पराही
अनिक बिगंजे आई संगारे
हर का नाम तत कारोदारे
अनिक जोन जन में मर जाम
नाम जबत पावे बिश्राम
ओ मेला मल कभूनत होवे
हर का नाम कोळ पाप होवे
ऐसा नाम जब भूमन रंग
नाने पाईए साद के संग
जि मारः कि गन जाई न कोसा
हर का नाम वासं तोशा
से फिंदे मां अंद कुवाळा
हर का नाम संगजिआरी
जहां पन तेरा कोनाच इयाणो
हर का नाम दैनार पशान
जै माः प्याँत वत भोकां
जै अरके नाम की तूक परशां
जहां तृत्हाम goosebumps
जै नानग हर हर अमरत वर्के
हर जना की बरत नाम
संत जना के मन विश्राम
हर का नाम दास की ओट
हर के नाम दे जन कोट
अर्जशकरत संत देन रात
हर रोकर साध कमारस
हर जन के हर नाम निधान
हर राम जन की नोधान
मनत नलंग रतेरंग के
मांक जन IKEA BIRTH VIVANE
हर का नाम जनको मुक जुवत
हर का नाम जनको त्रिवर्ण पुगत
हर का नाम जАन का रूप रंग
हर नाम जबत का परेनपग
हर का नाम जन कि वटे आई
हर के नाँ जन सोभापाई
हर का नाम जनको कोजोग
हर नाम जबत जचणाइ बियोग
जऩ, रता हर नाम की सेवा
नाम सुमन दर्दूगर था
नाम की मैं मासंत रिद बसे
सानन, ताप, धुर्व सम्न से
संत का संगवड पागी पाये
संत की सेवा नाम ते आये
नाम तुल का चवर ना होई
नान गुर्मर नाम पावे जन कोई
सुख, मनी, सुख, अमरत, प्रवनाम
पवाज़ना के मन पिश्रा
अठ, दू सलोक
बो सास्तर, बो सिमरती
पेखे सर्व तंडोल
पूज़ सनाई
हर हरे
नान के नाम अमोल
सात्य नाम
सिरिवाहे गुरु अश्टपदी
जाप, ताप, ख्यान, सब्थ्यान
अठ सास्तर, सिमरत, वख्यान
जोग, अभ्यास, करम, तरम, किर्या
आनिक परकार के बोज़त नाम
सिर्व कटाई होमे काराते
नहीं तुलराम नाम बिचार
नोखाण प्रित्मि फ्रेशे जीवे
अगेन माई होमत परान
निवली करम करे बोआसन
निमक निमक का सिर्व कटावे
हर के नाम समसर कच नाहे
मान कामनाती रद्दे छुटे
सोच करे दिन सारात
इस देही को वो साधना करे
जाल तोवे बोधे अनीत
मान हर के नाम की मैंमा उच
बहुत स्यानव जम का भौवया पे
पेखने कगन ने बुजे
छूट स नाही ओपयाल
कवर कर तू सगली जमडान
हर का नाम जबद दुख जाए
चार पदारत जे को मांगे
साज जना की सेवा लाइ
जे को अपना दूख मिठावे
जे को अपनी सो बालो रे
जे को जनम मरन ते डरे
जिस जन को प्रवधर्स प्यासा
सगल पुर्ख मैं पुर्ख परदान
आपस को जो जाने नीचा
जाका मान होई सगल की रीना
मान अपने ते बुरा मिठाना
सूक दूख जन सम्रिष्टेता
निर्दन को तन तेरो नाओ
निमाने को प्रव तेरो मान
कर्ण करावन हार स्वामी
अपनी गत मिठानो अपे
तुमरी उस्त तुम ते होई
नानक पवर न जानस कोई
हर को नाम जब निर्मल करम
साध संकुर्म अत्मल हिर्या
हर का नाम जब ओजी सदा
हर को जस्न वसंद खानी
नानक जे कट बसे हर नाम
पवर जना के मन विष्राम
अट तेन सलोक
निर्गुन यार यानिया
सो प्रब सदा समाल
जिन कि याति सचीत रख
नानक निविही नाल
साथ नाम शिरी वाहे गुरू अश्टपधी
रमया के गुण चेत पराणी
जिन तू साज सवार सिंगारया
बार विवस्ता तुझे प्यारे दूद
प्याऊ पर साक सेन
निर्गुन गुण कच ना बुझे
जेपर साथ तर उपर सुख बसे
जेपर साथ पीवे सीतल जला
जेपर साथ पोगे सबर साथ
दिने हस्त पाव करने तरसना
ऐसे दो गुण अंध बियापे
आद अंत जो राखन हार
जाकी सेवा ना निदपावे
जो ठा कुर्सा सदा हजूरे
जाकी तैल पावे दर्गे मान
सदा सदा ए पूलन हार
रतंत्या कोड़ी संग रचे
जो चर नासो स्थिर करमाने
छोड जाए तिसका स्राम करे
चंदन ले पुतारे तोए
अंध कूख में पतित विक्राल
कर्तूत पसूकी मान सजात
बाहर पेख अंतर मल माया
बाहर ग्यान त्यान इसनान
अंतर अगन बारतं स्वाहा
जाकी अंतरब से प्रव आप
सुन अंधा कैसी मरग पावे
रहां बुजारत बुजे डूरा
रहां बिशन पद गावे गूंग
कैपिंग तुम्हारे पावे
गल परबत पर पावान
करतार करना मैं दिन बेंती करे
सांग सहाई सो आवे नाचीत
बल्वा के ग्रैपी तरबसे
दिडकार माने मने परतीत
बैर ब्रोध काम प्रोध मोहो
यहूं जुगद बिहान ने कही जानमा
उठा कर तुम पे अरदास
तुम आद पिता हम बारक तेरे
कोई न जाने तुम्हारे अंत
सगल समग्री तुम्हे सूतर तारी
तुम्ही गत में तुम ही जानी
सुख मनी सुख अमरत प्राव नाम
अट चार सलूक दे नाम
तुम्हारे प्राव छोड़ के
लागे आन सुआए
नानक कहू रसी जई
भिन नावे पत जाए
साथ नाम सिरिवाही गुरू अश्टपदी
दस बस्तूले पच्छे पावे
एक बस्त कारण भिखोड गवावे
एक पिना दे दस बिहे ले
जिस ठाकर सुनाई चारा
जाके मन लागा प्रमिठा
जिस जन अपना हुकम मनाया
अगंत सहापनी दे रास
अपनी अमान कच्छवार साले
अपनी परतीता पीखोवे
जिसकी बस्तिस आगे रखे
उसते चोगुन करे नहाल
अनिक पात माया के हेत
गिरक की चाया सो रंगलावे
जोधी से सो चालन हार
बटाऊ सो जो लावे निहे
मन हर की नाम की प्रीत सुखदाई
निथ्या तान्तान कुटाम सवाया
मठ्या राज वन्तानमाल
मिथ्या रथ असथी असब बस्त्रा
मिध्या त्रो मह बिमान
असथेर पवेशाज की सरणा
मिध्या सरवन पर निन्दा सुने
मिध्या नेत्र पेगत पर तेरुपाद
मिध्या रसना पोजन आनु स्वाद
मिध्या चण पर विकार कोतावे
मिध्या तान नी पर उपकारा
बिन भुजे मिध्या सब पहे
बिरती साकत की आरजा
बिर्था नाम बिना तानां द
बिन सिमरंदिन नें बिठा बिहाए
वो बिन पजन बिन बिर्थे सब काम
तान तान तेजन जैकट बसयो हर नाम
रहत अवर कच अवर कमावत
जनन हार प्रभू पर बीन
अवरुप देशे आपना करे
जिसके अंतर बसेन रंकार
जो तुम पाने तें ब्रव जाता
करो बेंती पार ब्रहम सब जाने
आपना किया आपे मने
अपे आप आप करतने बेरा
उसे दूर जनावत किसे बजावत नेरा
तुम पाव से आन प्षगलते रहत
सब भी जाने आतम की वैद
जिस पाव वैद से लेलाण लाए
काम करो दे अरलोप मो
बिन सजाए अहमेव
आन के प्रब शरणागती
कर परसाद गुरदेव
साथ नाम शिरी वाहे गुरू अश्टपदी
जे परसाद चत्ती अमर्त खाए
जे परसाद सुगंदत तान लावे
जे परसाद बसे सुख मंदर
जे परसाद गरे शाल्ड शुख वसना
जे परसाद रंगाज्पोग
जे परसाद पाट पतम बरहंडावे
जे परसाद सुख से आई सोईजे
जे परसाद तू सभ कोमाने
जे परसाद तेर fez-ता त्रम
जे परसाद तेरो रह्ता तरम
सुख से औई केवल पार ब्रहम
जे परसाद तेरा ऊळ्डा रह्त
जे परसाद ते केया कि।
जे परसाद तू से कोना पहोंचे
जे परसाद असवस्त सवारी
जे परसाद बाग मिलकतना
जिन तेरी मन बनत बनाई
इसे ते आई जो एक लख है
जे परसाद करे पुन बोधान
जे परसाद को चार विवहारी
जे परसाद तरा सुन्धरूप
जे परसाद तेरी निकी जात
जे परसाद तेरी पत रहे
जे परसाद सुने कृर्णाद
जे परसाद बोले अम्रत रसना
जे परसाद हस्त कर चले
जे परसाद प्रम्गत पाल सुई
जे परसाद सुपसहर ति каких
जो त्याग्वर कतला गो
जे परसाद तू परगट संसार
जे परसाद तरा परताप
जे परसाद तरी कार जुपूरे
जे परसाद तू पावे साच
जे परसाद सव की गत होए
आप जिपाए जिपे सौनाऊ
प्रब किरपा ते होए परगास
प्रब सो परसान बसे मन सोए
सर्मन जान प्रव तेरी मया
जित जित लावतित लगे हर नात
सुख मनी सुख अमरत प्रव नाम
प्रव नाम