है लेकिन वह महल केवल इसी जीवन तक तुम्हारा शाथ निभाता है शरीर छोटते ही इंट पत्तर सीमेंट का महल
छोट जाता है और यह शरीर भी नश्वर है छणभंगुर है इस शरीर का भरोषा नहीं है कब कहां पर सांस बंद हो
जाए आख बंद हो जाए कम मृत्तु हो जाए और शपने धरे के धरे रह जाए मन में बहुत सी प्लानिंग यह सब पड़ी
रह जाए जितनी पूरी हो जाए जल्दी पूरी कर लीजिए विशारकों ने कहा है रामण के मन में दो प्लानिंग थी एक तो
ऐयोर शीता हरण करने की प्लानिंग थी दूसरी सुर्व में सीधी लगाने की प्लानिंग थी है कि आज के वैज्ञानिक चांद
पर जाने की प्लानिंग कर रहे हैं मंगल लोक पर जाने की पब्लिक बसाने की ब्लाइनिंग चल रही है चांद पर प्लाट
कटाइए वहां पर भी हम भी चलेंगे प्रवचन करेंगे वहां से लुड़को तो नीचे गिरो आकर हवी तक चंद्रवा को हम
लोग देवी देवता मानते थे लेकिन अब चंद्रवा भी प्रथवी जैसा एक ग्रह होज करने से वहां पर भी जीवन हो
सकता है और वहां पर भी इसी प्रकार से घर-शहर मकान गांव बसाए जा सकते हैं फेंद्र हिंदु धर्म की आष्ठा
है प्रथवी को हिम देवता मानते हैं भारत को माता कहते हैं गाय को भी माता कहते हैं और पेणपौदे-ब्रछ्चों
वैक्त स्कृष्ठियों में भी हम देवी देवता का रूप देखते हैं हिंदुधर्म बहुत बिशाल धर्म है सभी का
सम्मान करता है और सभी का आदर करता है उसी का नाम हिंदुधर्म है कि हिंदुधर्म बहुत स्रेष्ट धर्म है
से इस धर्म का कोई मुकाबला नहीं है तो हिंदु धर्म में सफायी शुल्यता भी बहुत है सुचिता बहुत है नमरता
बहुत है प्रेम बहुत है शेवा बहुत है कौना थे थैंक बहुत है और हिंदु जो हिंदु घर में जन्म लगया वह
को सौभाग्यशाली भी कहा जाता है कि भक्ति का महल कि मृत्तु के पश्चात भी आपके लिए शुविधा देता है
आपके कल्याण के लिए द्वार फोलता है इसलिए इंट पत्थर का भी महल बनाइए इस जीवन के लिए लेकिन परलोग के
लिए बक्ति का महल भी खड़ा कीजिए शेवा का महल बनाइए संस्कारों का महल खड़ा करिए और पुन्न का महल खड़ा करिए
क्योंकि पुन्न ही तुम्हारा साथ देगा
धनेदारे ग्रहे को तुम भी नहीं साथ में चलेंगे
अच्छी बुरी कमा
इस संसार में जब तक सास चलती है
साथ देता है
कभी कभी जीते जी परिवार भी साथ छोड़ देता है
पती भी इलंग बिलंग हो जाता है
पतनी भी हिंदूस्तान से पाकिस्तान भाग जाती है
पाकिस्तान से हिंदुस्तान भाग के आ जाती है, अब आजकल तो इतने फोहड लोग है, कितना गलत काम करे, फिर भी परचार करता है, बड़ा वेशरम है, मेडिया के सामने खी से काड़ता है, बहुत महिर कुल्ला है,
शरम भी जरा भी नहीं आती है, पहले कोई इस्त्री पुरुष से गलती हो जाये, तो थोड़ा मूँ छिपाते थे, अब तो इतने धूर्त लोग है, और मूँ खोल के खी से काड़ते लगता है, बड़ी बहाधुरी का काम कर डाल,
शरम भी जरा भी नहीं आती है, तो थोड़ा मूँ छिपाते लगता है, बड़ी बहाधुरी का काम कर डाल,
आपकी बड़ी पीने से करोड़ों लोग बीरी पीने की प्रेरणा लेते हैं। हिम्मद जुटाते हैं। इसलिए कृपयाब
बेड़ी छोड़ियें। शिक्रट छोड़ियें, चिराप छोड़ियें। ये गलत काम छोड़िये। सही राह पर चलिए। कुछ भी
में शुख नहीं है चाहे दारूकी बोतल में श्नान कर लो शराब देशी हो विदेशी हो भी अरोड ठंडी वीर हो इंग्लिस
वीरों करंविर हो टैसी भी रहो एंडर भी अरोड कुछ भी करो इससे शुक्र शान्ति मिलने वाली नहीं है शुक्र
क्या नतीय जब पाओगे जब पूरी नशा बिशन का त्याग कर दोगे खुराफाथ का त्याग कर दोगे बालतू बात का त्याग
कर दोगे संयम नियम से रहे होगे विवेज से रोग वो सरक्षण करोगे तो तुम्हारे अंदर विवेज विचार की क्रांति
पैदा हो जाएगी वह सी दिन सौक शांति पैदा हो जाएगी
दोनों भाई खड़े हो जाओ एक साथ जय बोलो दोनों भाई
हाथ उठाती है जोर से बोलो
कर दो कर दो कि सच संग 28 झुलाई है
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