सिर्फ एक बार सिर्फ एक बार दिल से मुस्तफा को तू पुकाईआजार बार उठेंगे तजम खुदा की तराबस एक बार चले आओ मुस्तफा की तरफसिर्फ एक बार सिर्फ एक बार दिल से मुस्तफा को तू पुकाईकोई आजाए तलब से भी सिवा देते हैंआए बीमार तो हर दुख की दावा देते हैंसंग मारे जो कोई उसको दुआ देते हैंबश्मन आ जाए तो चादर भी बिछा देते हैंसिर्फ एक बार सिर्फ एक बार दिल से मुस्तफा को तू पुकाईदुआ को बाबे असर से कुजार कर देखो दर नभी पे खुदा को पुकार कर देखोखुदा गवाह पुदा के रसूल के ओसा शुमार हो नहीं सकते शुमार कर देखोतुम उनसे दूर हो लेकिन वो तुमसे दूर नहींयकीन आए तो उनको पुकार कर देखो सिर्फ एक बार दिल से मुस्तफा को तू पुकाईतेरी खाके नकशे पाजबी से मैं लगाऊंगा सफीनाई हयात का मेना खुदा बनाऊंगाचराग सोझ इशक से हयात जगमगाऊंगा तु झूम कर दूरूत पड़ भूजूर पर दूरूत पड़ मैं नात गुन गुनाऊंगासिर्फ एक बार सिर्फ एक बार दिल से मुस्तफा को तू पुकाई सिर्फ एक बार सिर्फ एक बारगुलाब रात रानी बेला हो के सुंब लो समर्मलक खलक चमक दमक यी शमस और यी कमरनभी के नूर से बने शजर हजर ये बहरो बरबशर तो वो जुरूर है बशर तो वो जुरूर है मगर है सईयदुल बशरसिर्फ एक बार सिर्फ एक बार दिल से मुस्तफा को तू पुकाई सिर्फ एक बार सिर्फ एक बारभगार बार उठेंगे कजम खुदा कि तरा बस एक बार चलने आओ में मिस्तफा की तरासिर्फ एक बार, सिर्फ एक बार दिल से मुस्तफा को तू पुकाओ