सिम्रुवादि गनेश को
गुरुपदलाऊशीष।
सिम्रुवादि गनेश को
गुरुपदलाऊशीष।
धनुमत का सुमिरल करूँ
देव मोहे आशीष कृपा कर।
अन्जनी मा के लाल की
महिमा बड़ी महाल।
फिरदै में जिन के बसे
सीता संग भगवान सदाही।
सीता संग भगवान।
केसरी नंदन बलकारी
ज्यान कुञ्ज रणधीर।
केसरी नंदन बलकारी
ज्यान कुञ्ज रणधीर। अजर अमर ये गुण निधीर। हरते मन की पीर।
हरते मन की पीर। धर्म धजा
रकशक कपीर। पूरण करते काज।
भाई संग सदा कपिराज।
भय
भन्जन संकट हरन
पवन तनै महावीर
भय भन्जन संकट हरन
पवन तनै महावीर
शद्धा से जो नित करें श्री हनुमन्त का जाप
जीवन में उनके नहीं व्यापे दुख संताप कभी ना
व्यापे दुख संताप
चिन्ता जिन के चिनतन से होती पल में दूर
चिन्ता जिन के चिनतन से होती पल में दूर
होती پل میں دور राम रसायन के धनी
पवन पूत्र भरपूर हा भाई
पवन पूत्र भरपूर
जून सुग्रीव
विभीशन को दीनो राम मिलाई
प्रभू श्री राम उरन नहीं जिस दास से
स्वयम प्रभू श्री राम
प्रभू के दास को
बारं बार प्रणाम हमारा
बारं बार प्रणाम
बालापन में बालाजी रविमुखले प्रणाम प्रणाम
बालापन में बालाजी
रविमुखले दबाई
बालापन में बालाजी
रविमुखले दबाई
मेरा खzogen doing
को
चक्ख के देखा जाए।
चहुदिस फिर त्रेलोक्य में
हुआ घणा अंधिकार।
चहुदिस फिर त्रेलोक्य में
हुआ घणा अंधिकार।
देवि विनै परिसूर को मुख से दिया निकार। कपी ने
मुख से दिया निकार।
हार
ठके सब सिन्धु तट सूझे नहीं उपाए।
सागर पार जाओ सिया के सुध ली जाए। जी
कैसे
सिया के सुध ली जाए।
जामवन्त जीने किया हनुमत का अहवान।
सत्योजन सागर किया।
एक छलांग में पार।
खोजली माता जान की
किया है साख शातकार।
सिया से किया है
साख शातकार।
किया और
मजबूत। प्रभु की मोद्री का मातु को
प्रभु की मोद्री का मातु को
लंका के
दर्बार चले कपी।
प्रभु श्रीराम के नाम का
डंका दिया बजाए।
कपी बल्पारुष देखे के गए सभी चक्राएँ वहाँ पर।
कपी बल्पार।
सम्झाया लंकेश को
समय है अब भी जाग।
नामाना निर्भूधीने
पूच लगादी आग कपी के पूच लगादी आग।
धूद्धू कर फिर जल
उठी
नगरी स्वर्ण महान।
धूद्धू कर फिर जल
उठी
नगरी स्वर्ण महान।
مہ نے دیا وردان
دیکھ
بودھی
بلداس کا
مہ نے دیا وردان
اجر امر ہو گن ندھی پاو پربھو سے مان صدا ہی پاو
پربھو سے مان
چھوڑا منی لے آ گئے
حرشت ہی یہ حنومنت
کپی کو ہی ردے لگا لیے
سجل نین بھگونت
مدت ہو
سجل نین بھگونت
اس پل سے حنومان پر
رام کی کرپا ویشش
ایسی کرپا نہ پا سکے
نارد برم مہش کبھی بھی
بولے پربھو میں ہوں رینی کروں کیا پرتی اپکار
نیج بھگتی سرکار
جو نت بجرنگ دھیائے
رام کرپا اس پر رہے جو نت بجرنگ دھیائے بجرنگی
کے بھگت کا کال نہ کچھ کر پائے یہ سچ ہے
کال نہ کچھ کر پائے
شکتی لکھن کو جب لگی
رام دل بے چین
طورت اڑے حنومان جی لائے وہ وید سشین جی حنومت لائے
وید سشین
بھور سے پہلے
لاسکے
سنجیونی جو کوئی
بولے سشین کی بچ سکے پران نہ انہت ہوئے بچے پھر
پران نہ انہت ہوئے
بیاکل لکھ شری رام کو
حنومت اڑے طورنت
بھور سے پورو ہی دھولا گیری لے آئے حنومت سنجیونی لے آئے حنومت
پران بچے سو میتر کے رام دل ہر شاید
بجرنگ کو پربھو مدت من ہر دل یہ لگائے شری رغوبر
ہر دل یہ لگائے
نا ایسا سوامی کوئی نا کوئی
ایسا دار
نا ایسا سوامی کوئی نا کوئی ایسا دار
رغوبر حنومت کی جوڑی ہے ترے لوک میں
خاص صدا ہی ہے ترے لوک میں خاص
میرے من میں بھی کرو
پون تنہیں ہر لو میرے سارے دکھ سنتاس یہ ہر لو
سارے دکھ سنتاس
نت دھائے حنومت جو
بنتے اس کے کام
سیاعشیس سنگ
کریپا
کرے شری رام
بھگت پر
کریپا کرے شری رام
مہاویر کے داس کا
انہت کبھی نہ ہوئے
مہاویر کے
داس کا
انہت کبھی نہ ہوئے
برمہ وشن
وشن
کریپا
کرے سب کوئی سویم ہی
کریپا کرے سب کوئی
منگل اور شنیوار جو
پوجن کرے ویشش
منگل اور شنیوار جو
پوجن کرے ویشش
منگل اور شنیوار جو پوجن کرے ویشش
اُس کے گھر ویا پے نہیں
धर्यापे नहीं
चिन्ता कष्ट
कलेश नव्यापे
चिन्ता
कष्ट कलेश
शनीदेव के कोप से
हनुमत लेत उबार
शनीदेव के कोप से
हनुमत लेत उबार
साड़े साती में जपो
नाम
आपार जपो नित
हनुमत नाम आपार
बल्बुद्धि विद्यादे रहे
बज़रंग आठो याम
बज़रंग आठो याम विद्यादे जो नित
जपे
सिद्ध हो सारे काम
तुरत ही
सिद्ध हो सारे काम
इनके गदा की मारे से
भूत प्रेत थर्णाई
इनके
सादख के निकट
भूलि से भी ना आए
मो चलकर
भूले से ना आए
कुमती को हर देते
सुमती है हन्मन पर प्रेत थर्णाई
है हन्मनत स्वभाव कुमती को हर देते सुमती है हन्मनत स्वभाव
प्राग्रत हो सद कर्म खुद
हनुमत मंत्र प्रभाव हाये है
हनुमत मंत्र प्रभाव
कर सिंदूरी भोग में
लडू जो भी चड़ाई
उसके मनोरत शीगर ही सकल पूर्ण हो जाए है
निश्चित सकल पूर्ण हो जाए
संज़ की है बीनती सुनो वीर हनुमान
संज़ की है बीनती सुनो वीर हनुमान