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Bài hát shree jagannath purana bidyapati o lalita do ca sĩ Sasmita Mishra thuộc thể loại The Loai Khac. Tìm loi bai hat shree jagannath purana bidyapati o lalita - Sasmita Mishra ngay trên Nhaccuatui. Nghe bài hát Shree Jagannath Purana Bidyapati O Lalita chất lượng cao 320 kbps lossless miễn phí.
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Lời bài hát: Shree Jagannath Purana Bidyapati O Lalita

Lời đăng bởi: 86_15635588878_1671185229650

सुना सुना सुग्या जाने
अपुर्ब चरीत जहा स्रवण रेकर न होईव पवित्र
स्रिपुर्यो सतम खित्र महिमा पारा
परनी न पारंती जाकू अमरा धिश्वरा
मुही छारा नरा बाबनी बाई केते
खे ब्योड से ही प्रभुंको न मगाई जेते
खित्र महिमा बढ़न ने बढ़ाईची आसा
कामना पुरणा पर जगतर आईसा
जगतर आईसा
पुरणा पर जगतर आईसा
बिष्टि बोईले चाहिए जय मिनिंगकु
आहे महतमा बारे सुणान्तु आम भंकु
विश्वा बसु मने मने करिले बिचारः
देखाई बापाई बेत्यपतिन्कु ठापुर तहाँ
परी केऊ केऊ कृत्य कलिसे ही
तुहां तुहे तो पधान सकल भिटाई
जय मिनी बोईले सुन सर बरुसी गाण
विश्वा बसु मन मधे एमन्ता भावेण
एमन्ता भावेण
अपना कुटीरे जाई प्रवेस होईले
बिद्या पतिंकु जतन करी भुझाईले
तापरे ग्याती बांध होब मानं कुड़ा काई
कहीले सकड़ा
बिद्या पतिंकु जतन करी भुझाईले
बिद्या पतिंकु जतन करी भुझाईले
बिद्या पतिंकु जतन करी भुझाईले
बिद्या पतिंकु जतन करी भुझाईले
बिद्या पतिंकु जतन करी भुझाईले
बिद्या पतिंकु जतन करी भुझाईले
बिद्या पतिंकु जतन करी भुझाईले
बिद्या पतिंकु जतन करी भुझाईले
बिद्या पतिंकु जतन करी भुझाईले
बिद्या पतिंकु जतन करी भुझाईले
आपना कन्या हस्तरे और पढ़ो कराई नेइना लड़ी तानी जजुडारे बंधाई
आबरो समाई फुला खड़ो बाजु बंधा करे ना पिंधाई मने होई ना अनांदा
आपना हस्ते मनो ही प्रस्तुता कराई नाचे तदे अंक भोग भुंजे तोस्त होई
भुंजे तोस्त होई
से दिन विद्या पतिंक चरचानी मनते नाना दिव्यन जन जेरां धिना नीज़ा हस्ते
की परी भुंजे बेबोली आती थीवना
राम हाना त्रवी सेला बिद्या पति कुमारो पाँसेना
लजारे मुसकन आई छेडा हेला गोरी डाकी बापा एंसा हसा नहेला ताहारी
नारी मानं करला जा सभाजे भुसाना सबर कुला रेसे हु जन महेले जाना
जन महेले जाना
जुबती सुला भहे तु बित्या पोती पासे
भारो मानिला लणी ता तिनु लज्या बासे
गुरुह मधे ची सोई थाई बित्या पोती
देखु थांति लणी तारो सवगुरीती गाती
किन्तु मुहा खली किछी बोचाना न कही
अभिनय करु धन्ती जेने चंती सोई
के ते को समय छिला होई प्याधवाणा
आपडा मन मध्यारे बिचारो करेला
इसी मिर्चारो झुरापई को मात रह कारण
छे जीवना मधे उन पीछी रहा थी
आपडा से दौक किन कर रहे नुभव की मामपी
हुआ था आपडा कुंसनय झुरजि मतलब होती
तत्य पबात कीबे मुहीया तीं को एती
एही परी मना मधे पंची चंपा गोरी धिरे धिरे दा किला से मुखा ना तकरी
कोई लासन तो किछी भुजा ना करी ना आही अतिति साया ना करी बे आसे ना
ते परी कहीला ज़वुलानी कस लें हाने ना जानी ला परी कर आडे इसे ठारे
साया ना करी ला जहूँ वीप्र बेट्या पाति धिरे धिरे ग्रुह को जाईना गजा पाति
वीद्या पाति कारूपाकू परिनीरे घ्याना

बिंधिला लडिता सति अंगिता मगाण
मदन बाण रे सिहु होईला अस्तिरा
मने मने सुमरिला गरी चक्रधारा
गरी चक्रधारा
भाविला एडे सुन्दर पुणी मरते छंती
नर देहे जेन हे काम जान मला भी छंती
जदी ए सुन्दर मोते करंती या देसा
तांको पादो सेबा करीजा
विचांती दिवांसम
एही परिभावि गुरी बिचारी बाबेडि
नीज़ा कॉलिबार कम्पि उठेला तकाणे
तथा बिधर्च्य धरेना सच्या पासे ग़ाला
पादो धुड़ी ने इनीज़ा सिरे बुड़ी हेला
सिरे बुड़ी हेला
ताहा देखी न ब्राम होन जुब पोठी न बोईलाए किसा करूँ अच्छा नारी राणा
मुहर पाद कु किंपा तुम्हे स्पर्स करी पापा पंकरे बुड़ाई मारू छो सुन्दरी
तुम्हार जनक विष्ण भाखत अटांती स्री विष्ण का अंग संग सदाल भुचांती
ते मंत महा पुरु संग पार कन्या है मुह परिछार पाद छुआ चांद मुही
इन हुआ था है अमीद है तो अम टात्या में बैंक हो डोर बुद्ध पर सुनेरित प्रस्टर उस उकरे का रिपोर खुदा हुई पाद्य
पिता कही छंती घरे छंती जे आती थी
साख्या तरे आटंती से बिश्णु का मुराती
ताहं कासे बारे तुर्टी ना करेबू तुही
तुका बासा ना रखे बुद्रू हे कदा पिही
तेड़ू निवेदा ना करू आची हे संदारा
ए ब्याधा बाली का हस्ते करन्तु आहार
करन्तु आहार
एतिकी मात्रा टाई मुरनी बेदाना
सुद्र कन्या भावी ना करेबे प्रत्या ख्याना
ए हासुनी बोईले कहोश्ची बेत्यापति
जेबे मोहर का मना पुर आईब सति
ताहेले तुम्भा हस्तरे। भज़ाना करी ना
जहाँ चाहिवा ताहों करेबे पुराणा
मनुष्यमात्र के सर्वेी स्थ्र समान
नमण आई तेले मुही कारे बढ़ साना
जाने सकाना घटारे भगबाना चंते
तेनु प्राणी मात्रे अटे से बेशनु मुराते
जाती भेदों के बड़ा है मनार अभिकारा
खानी देले का रक्ता अटे सभिंकारा
तुम्हे ब्याधा बाड़ा बोली कोहचा मुखारे
काहीं के लिखा हाईनी तुम्हा सरिरारे
सामस्ते जड़ा कठारू छंती आवतारी
से कथा कहीं नाला चादिया नाही
गोरी पिया नाही गोरी
सेही जणंका अटंती जगत तरपती
परात परे राजु अच्छी ताहंको की राती
छोटो बड़ो भेदा भेदा नाचे
राणा ये नुही समान दुरुष्टी रे तेनी जगत देखाई
जेबे सापथा करीबा धर्मक चाहीन
तहाले भुझीबा पाईंजी बे मुठीन
लडे ता बोईला मुता अपडा मातारा
किया वाकाच्या पुरणा करीबी तुम्हारा
करीबी तुम्हारा
जदे मुह द्वारा केछी कार्ज्य हुई पारे
आनंदरे हस्ती हस्ती पाणी भी सत्तरे
बित्या पति बोईले ककुहरा मागोरा
प्रति दिन तब पिता जानती की कार्ज्या
आनंदरे हस्ती बाबेले चंदना कस्तुरीरा गंधा
ताहां कांगुचा हटी उठे मंदा मंदा
ताहां जानी बक मन मणीची महारा
वुहा सबु काथा खली निर्भाया चितारा
निर्भाया चितारा
ब्राम्हन जुब कथारो सुनिये बचाना
लडे ता मुखारो नस्पुरिला बाक्या माना
मन मध्यरे सुन्दरी करिला बेचारा
पिता बारण करेना छंती बारंबारा
पुणसी सभ्य जगत व्यक्तिं को ग्राते
कही भू नही विश्णं को कथा कद जिते
से मने जानी ले माधवंक समचार
उसड करिना नहीं जिबे संगतार
जिबे संगतार
एब्राम्भण जुबकक को जदी मुसमस्ता
घटना मान बुझाई देबी आध्या प्रांता
ताहे ले बिपद निश्चे आसिब आगे
पिता सुनिले मो परे जिबे क्रुधा होई
एही परी मन मध्ये बिचारे सुन्दरी
बोई लाई का धाकिम पा पुछा सिकारे
जणं कर अभ्यक्ति गाता हैर्चो सम्बन्धारे
हस्ता खेपा कर उच्छंती पुछी ना मुहारे
पुछी ना मुहारे
अनुरोधारे
तीथा करुँ अच्छी सुना हे जबाका
से कथा पुछी ना मोते ना दे अंतु दुखा
पितांका आदे सवी ना ना पारी भी कही
ताली कही भी समस्ता तुम्भंकु बुझाई
एही पारी कही ला जहु लाडे ता सुन्दरी
बिद्या पति गले ते बेजा चंपा गोरी
ताले के कही भजे बे मुँ आगे समास्ता
ताहेले काले भोजन करिवाई ये था
करिवाई ये था
जाने मुपड़ा सब फुलदे से मुनुहारा
किन्तु दिले हे सुगंधन थाए ताहारा
सेही परकारी तुम्हे आटरी जुबाती
महा काला भड़ा पाला
परी आटे तौब माती
उपर दिखिन मने पंच धिले मुही
अत्यंत उदर मना अटंती जेही
भितर बाहर सब आटाई समाना
सेया समरी चेकारी होईला पताना
होईला पताना
जाओ जाओ गुरी आउ बिलांबो न कारा
देखीबे जद्य पिपीता आसीन तुम्हारा
कहीबे अपरीचीत जुबा को संगारे
किम्पा को थाबारता तुम्हे हुआ इकान तारे
बिसे से जुबा को संगारे
तारे पुणिनी साराते ये अटाई
देखिले अट्यंत क्रध होई वे कसे ही
मुहलागी किंपारां जी बापा माना
जणी सुनी वे पदक करी बावाना
करी बावाना
जाओ जाओ इस्तानरु बिलंबन करा
पति रसे बारे मन दिया रमा बारा
एही परी अभीमान परंते ब्राम्हाणा
लडिता अंतर मधे बिंधे लाकबाणा
दिरा हो ब्या धारी धारी होई न जुबती
होई ला किंपा मुप्रा
परी गृधः ये उचान्ति
जियु कथ लागी तुम भी कावरुचा संदेह
ए ब्या धा कन्यारो तिले नाही सेही ध्याया
नाही सेही भाया
ब्रुद्ध पेतन भूवया तीता अन्न्या तिल देगी
ब्रुद्ध पेतन भूवया तिता अन्या तिल देगी
नहीं आओ जाने मात्र छंती जगत गोसाई सेवु पिता माता ज्याति बांधव सकड़ा और पण करूँछी सब तंक पादव तड़ा
किन्तु बिभाहे बापाई प्रस्ताव गे नीड़ा आसे सर बिभाहो नीड़ा छंती नीड़ा सेड़ा
मन बोले करी जेऊ दूइटी आख्यारा ताहा मानी बानु है सहा जोब्या पारा
आति जेते जूबासी छंती बिभाहे बापाई ताहा उपरे तीले मो मना मानी नाही
मोबे लुटे सुनारा मन अभिमान त्यागा करव निशि पूराई बदासी का मन तुम्हारा हो
हो हो दी मात्रता गर्जित दिव्याधा
सब पथा करी रखी बतंधे कदीरा ताहेले जेव आदे साथे भाई दासी को पाड़ी बस्ती रव परे बहीना तहाक
बहीना तहाक
एमन तक कहीला जहू लड़ी ता चतूरी बोईले कवित्या पति दरा हासी कारी
जहां कही बनिशय करी बिल पाड़ाना धर्म को चाही सपारी
पथ करूँछी बहाना
सुनिया ती आनंदित होई सुकुमारी बोईला मुहर कथार खंत बिचारी
जदी एही ला कन्यार पथाक पड़ीबा ताहेले तुंगे ताहाक बिबाह करीबा
बिबाह करीबा
बिबाह करीबा
पली रहे ते जाना छंती राही
मुहरा मनक के ही जोगा बंती नाही
एहा सुनी बिद्या पति भूईले बाचाना
एथी रे तुम्हरा पिता करीबे मारान
करीबे मारान
सास्त्र रे अच्छाई कन्या मननीता पति
पुरी पिता दत्त कन्या रहेची भारती
जदी बारण करंती तुम्हरा पियारा
पाटी पारी बगी गुरी थाहां करगीरा
लडी ता बोईला मुही जहां करीबाई
पारण करीबे नाही
मोपी ता के बेही आहुरी मुही ता करो नाही अत्याचारा
उच्छवन सजुबा कंकु बरू आच्छे बारा
बरू आच्छे बारा
परी कहीला जहु लडी ता चारा
परी कहीला जहु लडी ता चारा
परी कहीला जहु लडी ता चारा
परी कहीला जहु लडी ता चारा
परी कहीला जहु लडी ता चारा
परी कहीला जहु लडी ता चारा
परी कहीला जहु लडी ता चारा
परी कहीला जहु लडी ता चारा
परी कहीला जहु लडी ता चारा
परी कहीला जहु लडी ता चारा
परी कहीला जहु लडी ता चारा
परी कहीला जहु लडी ता चारा
परी कहीला जहु लडी ता चारा
परी कहीला जहु लडी ता चारा
परी कहीला जहु लडी ता चारा
बर्जन रास्ताने रत्न पड़ी थी बदाकू आणि बजताने ब्राम्हण सकड़ बर्ण पंग्री आटि सारा सबु ठारू कन्यानी बावी धिया ताहारा विधिया ताहारा
एहारा दुरुष्टान ता माना पुर्बु राही आची नीचा बन सरु ब्राम्हण कन्यानी यू आची
जाथा अरुन धती संगे बस्तिश्व महार्शी पाई बर्था कन्या संगारे बेदा प्यासारू सी
एही पारो कारी बहुत बाथा आची राही एथे बनना कारी बाउची तानु हाई तेने राजा बसी राही थीबे चाही बाथा अन्न जण छुईरा न थीबे न रना था थीबे न रना था
मोहठारू भाला मंदा बारता पाई ले भोजना करी बेसे हुसुना घुरी भाले
बारा बारा धर्मे चाही करुछी सपाथा तुम्भंक विभा होई भी देखी बे जगाता
मुही मध्या विभा ही अटे जड़े
नाग़ uwagęणी बेखी बे जगाता तुम्हो राणी ये बाउरी
तुम्हाउ दारू जवाना महे बेजेवु सुत। ब्राम्हण जात्तीरे सेओ होई बेगानी ता
होई बेगाणी ता
बेगानी तेखी बाँरी!
पुहा पुहा गोरी आओ बिला मना कारा सुनी लाणी ता बोईला नित्रु धाली नीरा
हे नीला माधव तुम्हे मुरा गाती मुकी की करे बे बुद्धी दिया हे जगता पाती
एकदी गे पिता एकदी गरे दे बाता ताहा कथा कुपाड़ी दे लगे महा चेंता
ताहा रवपाया कही दिया हे ठाकूरा एहा कही गोरी चाही मुखा जुमकारा
सक्षाय बुर्गग्य करे बहोध आधे प्रभू कि बॉइरेग्ज बापिता निति जानती जी उस्ताना सेहि स्ताना सांख्यातारे बाइकुन ठो भूवाना
नीरा सुदर बुली नात्ता नामों अटाइ जुगे जुगे कण पवट तःही अखिराई
सेप बित्रस्तान अटे त्रिभो बने सारा बिजे करी छंती तही जगत ठकुरा
मिडमा धोबरु परे सिव पुजा पांती मोहर पिता तंकर सेवा कटंती
मिति प्रति से ठाब कुजाई मुपियारा दियंक पुजा करंती सुड़ा हे सुन्दारा
ए परी कहीला जहु लाणी ता सुन्दारी अंधा जेन हे चक्यु दाना लाभा कला पारी
दरी प्रकुटी संपदल भी
ले जेस्ताना ते मन्तानन्द हेला तहां करमाना
बसी बसताना रोठे भी प्रभित्या पाती
लड़े तंक गंडे जुम्बा आंकीले तड़ाते
कुड़रे बसाईसने हे बोईले कगीरा
तुम्हे मध्य जुगे जुगे प्राण पिया मोरा
ते बड़ा एही संदेश गुटी देवा पाई
सबर घर जनम हो ये थीला साही
विद्या पतिंकर देखिसने हा संभासान
न जारे मुखा पतिला न भासे बजाना
इन्ही आनंदरी हुद नाचाई ताहारा
ते ने पिता कथा भाड़ी चिते लागे डोरा
चिते लागे डोरा
इही परी मन मध्य भाड़ी चंद मुही
विद्या पति गड़ी मन देला कॉलंबाई
अपना कंठरू एक रत न मन भी
लड़ी ता गड़ारे विप्र देला कॉलंबाई
निड़ा माधा बना मुरी परी ले सपाथा
पति पत्नी भावी जी मधी बापरी जनता
ख्याणो मात्रो न छाड़ी बे ताहा कुझे थे ही
ता परी लड़ी ता कोरो धोरी गला ने
धोरी गला ने
विद्या पतिंकु आपणा पासे भोसाईना
भोन जाएला चंपा गोरी आनंद होईना
स्तेही समय अरे लड़ी तारा मुखा चाही
बोईले कविद्या पति सुनरी सुमुही
परी तावा पितंक संगतारे जीवी
स्रीनी ला माधा बंकारो चराणा पुजीवी
स्तेही थीनी मन ते ते पत्वासी
आछी एति की कराईदिया नभवी न कीची
लडिता बोईला पति भावना न करा
गुझाई कही बे सबु पे तंकों आगरा
परी तावा पितंक सुनरी ढाईमा

काली प्रभातु तुम भकु पठाई बापाई व्यवस्ता करी बीगी ते खेतर कहाई

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