शरना गत हूं तव चरणों में
चरणा मृत देमत और सता
चरणा गत हूं तव चरणों में
चरणा मृत देमत और सता
कुछ कम कर दे बंधन मन के
कुछ प्रीती अबनी और बढ़ा
चरणा मृत देमत और सता
चरणा गत हूं
तेरे ही
रूपों में खोया
मैं नींद
तुम्हारी ही सोया
तम जोती है दोनों तेरे मैं अंधियारों में क्यूं खोया
कुछ कम कर दे तू डर मेरे
कुछ अपनी लीला और दिखा
प्रीत देमत और सता
चरणा गत हूं
मोरा साबराद
मोरा प्रभुपिया
मोहे
दर्स दिखो मैं ढूड रहा मोरा साबर्या
तू नैन बैन
तू ही रसना जग तेरी ही सुन्दर रचना
करता भोगी सब तू ही है
फिर जनम मरन से क्या छलना
कुछ बेगाना
पन कम कर दे
कुछ अपना मुझको और बना
चरणा मृत दे मत और सता
शरणा गत हूं तब चरणों में
चरणा मृत दे मत और सता
शरणा गत हूं
गोरा साभरा शरणा गत हूं
गोरा कभूपिया शरणा गत हूं
गोरा साभरीया शरणा गत दे मत
और सता