भूद में छुपा है तू
सागर से गहन भी तू
कौन जानें तेरा भेद, तेरा धाव
बीज में समाया तू भेद की भिकाया तू
तेरे जानें कितने रूप, कितने नाम
मेरे राम,
राम,
राम,
मेरे राम,
राम,
राम,
मेरे राम,
राम,
राम,
राम,
मेरे राम,
मेरे राम,
राम,
राम,
मेरे राम,
राम, राम,
मेरे राम, राम,
राम,
राम,
मेरे राम,
राम,
राम,
राम,
मेरे राम,
राम,
राम,
राम,
मेरे राम,
मेरे राम,
मेरे राम,
मेरे राम,
आखे मूदे दर्शन दिये
डूढा तुझे सारा जहाँ जाना था तरस तेरा
खड़कड़ बना
दर्पन तेरा
प्यासे का पियला तू
भूखे का निवाला तू श्वास तू प्राण तू
ही है विधाता तू ही भगवान तुझे है पाया
चन्मो का दान
सांसो की माला पे चपू मैं तेरा नाम तेरी तो है
प्राण तू
भूखे का निवाला तू खड़कड़ बना दर्पन तू खड़कड़ तू ही है विधाता तू ही है