कोई माझा लेते छोड़ गई हाला
होंगे होंगे देहिया का प्रण दे हाला
कोई माझा लेते छोड़ दे हाला
कोई माझा लेते छोड़ दे हाला
को मर पी रहता है हम रचनी एक खेल से
कोई तो मस्ता जरूरा जो सुरुसों के ते dresses
कोई तो मस्ता जरूरा जो सुरुसों के ते
टण
कोई नी नी हो रहा की रात में ना सुझा ला
चड़ हली जमनी हमारो ये ख़दू ना ला
ऐसे कहें कोई नी
कोड़ा में धख्य पिया पहलो मना माती
ये ही से पड़ल हमाओ ख़ती रापा बानी
बापारे सनी भाईन तो राज हो में ऐसे
कोई दो मसाजी राजा सरसोक के पैसे
नियम भी बाए आया शल्मा
नियम भी बाए आया शल्मा
ठीक न लाग तोहरा दाद को लगे
काज़त रहे जदी तब तो तोहरा लगे
बोला
बाड़ा बेरा हमें से सुतरा तो सना
रोवनी हो रात भरो धो एक पला ना
संजना खूस बनी तोहरा हो बेल से
कोई तामस ना जिराजा सरसों के लिए से