मितिस्विया हम वो माई के सत सत नमन करता नहीं
जे बाबा सहब जेसन लाल के जनम दिहले
बाबा सहब हमनी खाती बहुत कुछ कहिले बाड़े
आज उनके देन से हमनी के पढ़ली के इतना चलाक होगिल बने जा
हर समाज में बोले बतियावे बैठे उठे के लाइक होगिल बने जा
हमनी खाती उग का किले बाड़े आईं एही गित के माध्यम से सुनी सभे
जानावा हौवे हमाँ
अरे जिया ये ब्यास
जैहो जैहो
जानावा हौवे हमाँ
अरे जियो बाग चपले रहा
और सहब के
लिखाल सम्भीधानवा
प्रेम से बोला जैवी
जानावा हौवे हमाँ और जानावा हौवे
जानावा हौवे हमाँ और जानावा हौवे हमाँ
और सहब के
लिखाल सम्भीधानवा
जानावा हौवे हमाँ
सहब के लिखाल सम्भीधानवा
जानावा हौवे हमाँ सहब के लिखाल सम्भीधानवा
जानावा हौवे हमाँ सहब के
लिखाल सम्भीधानवा
ज़ेही भेदा, भाव,
रक्र रस्
ज़ेही भेद भाव रख रश काल है उचा नीच के
काल है
उचा नीच के
काल है उचा नीच के
पिया वेला उहो आज
खीच के
उहो आज खीच के
सबके दिहालस पर बर आधिकार हो
सबके दिहालस पर बर आधिकार हो
सबके
दिहालस पर बर आधिकार हो
सभब के लिख़ल संभी धनावाद
जनावा हौउए हमार सभब के लिख़ल संभी धनावाद
जनावा हौउए हमार
सभब के लिख़ल संभी धनावाद
जनावा हौउए हमार सभब के लिख़ल संभी धनावाद
जनावा हौउए हमार सभब के लिख़ल संभी धनावाद
जनावा हौउए हमार सभब के लिख़ल संभी धनावाद
जनावा हौउए हमार सभब के लिख़ल संभी धनावाद
कोरे के पढ़ाई नहीं कोरे के पढ़ाई
पढ़ लिके जान गईलो लोरे के लड़ाई
लोरे के लड़ाई ओ लोरे के लड़ाई
कैलि रोषन के सपाना सकार हो
कैलि रोषन के सपाना सकार हो
कैलि रोषन के सपाना सकार हो कैलि रोषन के सपाना सकार हो
कैलि रोषन के सपाना सकार हो कैलि रोषन के सपाना सकार हो