ललसा हमार भाटे
सरधाया पार भाटे
दर्सन करा दी राजाजी
हमके कासी घूमा दी
ए राजाजी
सिर का रहिया देखा दी
ए राजाजी
हमके कासी घूमा दी
ए राजाजी
सिर का रहिया देखा दी
ए राजाजी
ए
मेला सिहरे को रहिया के कात भूला बोहडे हे भी हो
खाईलि चाहा तानी हम ओही जाके गुरही जले हे भी हो
मेला सिहरे को रहिया के कात भूला बोहडे हे भी हो
खाईलि चाहा तानी हम ओही जाके गुरही जले हे भी हो
रितार से मन करे
चली न खड़े खड़े जिरा जुरा दे राजाजी
हमके कासी घुमादी ए राजाजी सिरकर लिया देखादी ए राजाजी
संत गुरु राभिदास जी के भोई जहां आयो तार बा
एक बेरी उहाँ आ ए राजा जा जायो के हमारो विचार बा
हमारो मन में सरधाबा रोगा बुझा कहे ने के
संत गुरु राभिदास जी के भोई जहां आयो तार बा
एक बेरी उहाँ आ ए राजा जा जायो के हमारो विचार बा
मग महीना याईल रोशन के मन हर साईल असरा पुरा दे राजा जी
हम के ठासी घुमा दी ए राजा जी सिर करहिया देखा दी
हम के ठासी घुमा दी ए राजा जी सिर करहिया देखा दी