एक बहु आई उसकी पिता के घर गई
सासु मा में पट्ती बिलकुल नहीं थी
दोड़ती दोड़ती अपने पिता के पास गई
पिताजी क्या है थोड़े ते जानकार थे
पिता के पास जाकर कहने लगी
पिताजी मैं मेरी सासु से बहुत परसान हूँ
कि ऐसा कोई उपाय बताओ कि मेरी शासु बहुत को चली जाता है कि ऐसा कोई उपाय बताओ कि मेरी शासु चली जाता
अब पिताज ने कहा कि बेटी एक चीज तुझे मैं तुम देता हूं यह 41 दिन तक तू निचला करना है तेरी
शासू ठीक 41 दिन चला जाएंगे हेलो है और इसके साथ विधि भी करना तक को पड़ेगा क्या विधि करना पड़ेगा
के तोषा सूख की इतनी सेवा करने पड़ेगी इतनी सेवा करने पड़ेगी कि भेरी शेवा से बड़ा प्रशन हो जाओ
अब एक पूढ़िया रोज खाने में मिलाना और सासु के पेर दबाना और वह जैसा बोले बेस्ती करती जाना बस ठीक
तालेज़वे दिन तेरी सासु चली जाएगी अब रोज सासु के पेर दबाना सासु कुछ करना है माता माताराम मैं हूं मैं
पीछाली लगाना इतना प्रेम करने लगी कि सासु मां के मन में विचार आ कि बहुत यह बहुत मैं तो इसको गलत
समझती थी पर यह कितनी अच्छी है कितना प्यार करती है मेरे से है तो सो मॉस्टर भी बहुत से प्रेम करने लगी
गी अब सासों भी कहने लगता है अरे अरे बेटा तुम ठक गई होगी तो थोड़ी देर सो जाओ ने कर ले तुम आप कोई
काम आता है अरे बेटा तुम ठक जाएगी तो थोड़ी दिर बेट जा मैं कर लेती है अब सासों और वह में इतना
ना प्रेम हो गया जिससे मां और बेटी में हो जाता है अब उसने देखा कि 41 बाद दिन आने बाला है फिर दोड़ती
दोड़ती गई पिता के पास पिताजी वह वह दिन पास आने बाला है मैंने दबा टाइम से देती रही और मेरे को अब
किसी दबा दो कि मेरी सासु ना जाए पिताजी ने बोला तो तो कल बोल रही थी कि त्यवी शासु चली जाए और नहीं
पिताजी वह तो मेरी मां से भी ज्यादा मुझे से प्रेम दरदी और इतना प्रेम हो गया है कि मैं नहीं चाहती
कि वह मेरी सासु चले जाए हम तो साथ में रहना है अब तुम्हारे से भी ज्यादा प्रेम मेरी सासु में से करती
है पिताज ने कहा बेटा मैंने तुझे कुछ नहीं दिया था बस प्रेम करना सिखाया था अगर तु प्रेम करेगी तो तेरी
बच्चोंस गवाहे शादी से पहले मां बेटे सांथ में बेटकर रोटी खाते है जब-जब अलग हुए हैं शादी के बाद अलग हुआ
कि ना जाने इन स्था कौन सा गुरुमंत्र जानती है
आते ही मां बेटे को भी अलग करवा देते हैं कौन सा गुरु मंत्र थोड़ा हमको भी बता देना
है इसलिए अरे दो दो रोटी प्रेम से देने में अपना कुछ नहीं अगर आप प्रेम करना जानोंगे तो वह आपसे
प्रेम करेंगे अगर आप ही छलकपट मन में बेट लेकर बेट गए तो सामने बाला भी आपसे छलकपट लेकर बेट जाए
है और शासु से भी मेरा निवेदन है कि बेटी की तरह नहीं अगर जितना आपने बेटी के नखरे उठाए हैं उससे एक
परसेंट अपनी बहु के नखरे उठा लोगी तो वह तुमको हतेली पर जेल देगी तो बहु को बेटी नहीं तो बेटी के
एक परसेंट नखरे तो जेल लो है इसलिए कपिल भगवान अपनी मां को कहते हैं मां संसार में कपट को प्याग कर
परमात्मा से जुड़ना चाहिए कभी-कभी छोटा सा कपट आपको बताया कि घर बिगाड़ देता है इसलिए भगवान सास्त्र
कहता है कि कपट मन में नहीं होना चाहिए