जानने लागों वर साहाँ
जानों ले हमारे बकाबाँ
दिला का किसी का भूल हमाता परदुमन परभेशी का हुबाँ
जाने लागों वर साहाँ जानों ले हमारे बकाबाँ
हमसे मुकाबाला ख़वारे उदमदार कौन बार
अधमे गंगा दाई कौन बार
अधमे गंगा दाई कौन बार
जो नहीं जाए
उन्हें सब ठोकेले सालामी
जो नहीं जाए उन्हें सब ठोकेले सालामी
रोकेजे हमारे रस्ता उपार कौन बार अधमे
गंगा लेखाए जाबा अधमे गंगा दाई कौन बार
हम नहीं ड़ीले ड़ीले साल से
रोजे टाका राईले हम आंधी तुफान से
महस्पुर्ण दूमन हमारा सिर्वडिया रे कौन बार
हमारा लेखाए जाबा रे मेरे ड़ाँदार कौन बार
मान गए गुरूं चारो तरब आप ही का चर्चा है