ĐĂNG NHẬP BẰNG MÃ QR Sử dụng ứng dụng NCT để quét mã QR Hướng dẫn quét mã
HOẶC Đăng nhập bằng mật khẩu
Vui lòng chọn “Xác nhận” trên ứng dụng NCT của bạn để hoàn thành việc đăng nhập
  • 1. Mở ứng dụng NCT
  • 2. Đăng nhập tài khoản NCT
  • 3. Chọn biểu tượng mã QR ở phía trên góc phải
  • 4. Tiến hành quét mã QR
Tiếp tục đăng nhập bằng mã QR
*Bạn đang ở web phiên bản desktop. Quay lại phiên bản dành cho mobilex
Vui lòng đăng nhập trước khi thêm vào playlist!
Thêm bài hát vào playlist thành công

Thêm bài hát này vào danh sách Playlist

Bài hát ram katha by morari bapu - rajapur vol. 27 pt. 9 do ca sĩ thuộc thể loại The Loai Khac. Tìm loi bai hat ram katha by morari bapu - rajapur vol. 27 pt. 9 - ngay trên Nhaccuatui. Nghe bài hát Ram Katha By Morari Bapu - Rajapur Vol. 27 Pt. 9 chất lượng cao 320 kbps lossless miễn phí.
Ca khúc Ram Katha By Morari Bapu - Rajapur Vol. 27 Pt. 9 do ca sĩ Đang Cập Nhật thể hiện, thuộc thể loại Thể Loại Khác. Các bạn có thể nghe, download (tải nhạc) bài hát ram katha by morari bapu - rajapur vol. 27 pt. 9 mp3, playlist/album, MV/Video ram katha by morari bapu - rajapur vol. 27 pt. 9 miễn phí tại NhacCuaTui.com.

Lời bài hát: Ram Katha By Morari Bapu - Rajapur Vol. 27 Pt. 9

Lời đăng bởi: 86_15635588878_1671185229650

होली का सुर्योदाई हुआ,
बड़े-बड़े रंग के कुंड भरे गए,
माता-पिता सब उपस्थीत,
और सुभर से होली का उठ्सव शरू हुआ।
श्री सीता जी के साथ सब देवर होली खेल रहे हैं।
बगवान दूर खड़े-खड़े रहे हैं,
कि अभी होली खेली जा रही हैं,
लेकिन जब सब मांगेंगे,
और लखन मांगेंगा,
तब संध्या में प्रग्टेगी,
जलेगी होली।
पुरा दिन थो खेली जाएगी,
संध्या के समय,
वैसे उसमें अगनी प्रगट हो जाएगी।
शाम तक होली का उठ्सव चला,
अब दशरत जी ने कहा,
वैदे ही बेटी,
हां पिता जी,
बस तीनों भाईयों को भेट देदो होली की,
उठ्सव पुरा तरोँ।
सब उपस्थित थें और सबसे पहले शरी भरत जी आये,
भरत जी को माता जीन पुछा,
भाईया क्या दू होली की बेट में,
बोले एक जनम नहीं,
जनम जनमां तर तक भगवंत पदप्रीत तथास।
शत्रुघन महाराज आये,
उसको पुछा कि आपको क्या दू,
बोले भरत भाईया ने आपके चरणों की,
श्री सिताराम जी के चरणों की भक्ती मांगी हैं,
तो मुझे और कुछ नहीं चाहिए,
मैं भरत जी की चरण सेवा किया करूं,
मैं उसी का सेवक बना रहूं बस, यही मुझे चाहिए।
बगवान देख रहे हैं दूर से,
और लखन की बारी आयी और बगवान समझ कर यही बस अभी जलने वाले ओली।
लखन जी आयें,
और सिता जी ने कहा भईया मांगो,
तो लखन जी ने कहा कि ओली की भेट यदी देनी है मा,
तो आज से भगवान के चरणों की सेवा का अधिकार मेरा।
और जैसे चरणों की सेवा का अधिकार लखन जी ने मांग लिया,
यह तो रघु कुल प्राण जाहू बरु बचन न जाए।
बचन तो टाल नहीं सकते यहां,
और सिता जी को एकदम चक्कराने लगी कि,
चरण सेवा यदी चली गई, तो मेरा क्या आर्थ है,
मेरे जीवन का क्या आर्थ है। जानकी को एकदम धक्का लगा और गिर पड़े।
सब लोग मुश्कील में,
पिता,
गुरुदेव,
माताएं,
सब दौड़ पड़े,
सिता जी को एकदम जगाने की कोशिष लेकर असफल,
कहीं वैध हाकीम लोग आएं,
असफल।
लखन जी के सामने सब लालांक करके देखने लगे की,
तुमने क्या मांगा,
पिता को हुआ क्या।
सब लोग लखन जी के सामने रोष में,
और लखन जी फसे,
अब करे क्या,
दोड़ते गये राम जी के पास,
कहा महराज मुझे कुछ नहीं चाहिए,
लेकिन ये मुर्च्छा उतर जाये,
इसा करो,
क्योंकि पूरा परिवार मेरे सामने दुश्मन की तरह देख रहा है महराज�
जी परिवार नहीं चाहिए,
ये पूरा परिवार नहीं चाहिए,
ये पूरा परिवार नहीं चाहिए,
ये पूरा परिवार नहीं चाहिए,
ये पूरा परिवार नहीं चाहिए,
ये पूरा परिवार नहीं चाहिए,
ये पूरा परिवार नहीं चाहिए, ये पूरा परिवार
न्हीं है बरा है । ये पूरा रहा है बरेकी पाई!
रध
है बहacular.
दर्दन जाने कोई
हेरी मैं तो दर्द दिवानी मेरो
दर्दन जाने कोई
हेरी मैं तो दर्द दिवानी मेरो
सक्षिरी मैं तो प्रेम दिवानी मेरो दर्दन जाने कोई
दर्द किमारी बन बन भते कूँ
बज़न
मिला नहीं तोई..्बॉध
अमिला नहीं कोईarat named by Pompel immediately tell me
मेरो दर्द जाने कोई
लखन ये प्रेम का दर्द हैं उसके लिए कोई दवा
तो अब क्या करें पूरा परिवार मेरे सामने ऐसे देखा हैं मा को कुछ हुआ
तो बगवान ने दिरे से कह दिया सिता के पास जा कर दिरे से कह दो
कि एक चरण की सेवा मैं करूँगा और एक चरण की आप पर बटवारा कर लो
और लखन जी आयें कि ये ठीक हैं सिता जी के पास जा कर कहा
माता जी ख़मा करें आपको मेरी बात से आधात लग गया लेकिन आपका बचन भी रह
जाएं और मुझे भी थोड़ा मिल जाएं तो एक चरण मेरा और एक चरण आपका अर्ज
तज़ही बुद सर्वस जाता अधि सब कुछ लूट जाता हो तो आधा बचें तो बचा लें �
पर एक लखन सीतें एक एक पैर के लिए तुम दोनों कितनी तरकरार कर रहे थें
आज दोनों को खड़े रहना और ये केवट अकेला दोनों पैर ले जा रहा हैं
वरना तो आपका भग था दोनों के लिए

Đang tải...
Đang tải...
Đang tải...
Đang tải...