Lời đăng bởi: 86_15635588878_1671185229650
असल राज, सारे बादु हाथ जोलिया, कि बिजा कोई मदद न करे, दिश्मनी सफेख दादी नी सामे जोई, अबड़ा नी आख में आसुन कहूँ, कि दादा तमें कवरवो ना दादा शे, तमें पंड़वो ना बाप नहीं, तमें लोको पिता में कहूँ, तमें आ दुरिय
नीती जोई नेम कहे, कि बेता पुरूष अर्थनों गुलाम चे, बारा पेट मा दुरिय दन्नु अन्द पड़ी चे, इतले मारा मा शक्ती चे, पर हु बोली शक्तों नती, अन्न नी आतली असर बिश्म उपर तही, दुरिय दन्नु अन्द खादे, उतले मारा ची बोलाती
जोई अन्ना मिराकरण करवा माते, पाँच-पाँच माला वधारे करवी पड़े, ताकि अन्नु मिराकरण पड़े, अन्न बहु अपर तर बिश्म बोली नशे, एज बिश्म बाननी शैया उपर, अन्द छिली ख्षान, अर्जुने तीर मारी गंगा उत्तन करी, बिश्म �
बादाना मोधा मा गंगा नु जल गई, अरोम-रोम मा ठंडक वड़ी, अन्ने वक्ते बिश्म पांडुवने उत्देश आपे, महा भारत नी प्रसिद्ध कथा, एवक्ते एक बाजु उबेली, साडी मा मोक दाखी, अन्ने द्रवपदी हसी, अर्जुननी आँख फ़री, द
बिश्मा शो कहेज, मुले दादा ये हसेज, बेटा आओ, निकत आओ, द्रवपदी नजीक गया है, बाप, क्यों हसती हो, द्रवपदी नी आँख मा आसवाय, दादा, मारा पूर्णा तमे बाप चो, आज तमे एत्लू अद्भूत तत्व ज्ञान बोली रहा शो, क्याने क
दिश्मा भती अंदर कोथा मा पड़ी होती, पण बोलवानी ताकात महती दुर्यो धन्ना अर्थ थी बेबायो, द्रवपदी प्रस्ट पूछो, कि युद्धनी चावड़ी मा तमे छल दियो से युद्ध करीओ, क्यारे छल्लू बारू दुर्यो धन्ना तरप्ति तमारे �
अन्नु लोई बार काड़ी होता है, एक बुन्न होए मारा मा बिच्यू नथी, अन्ने मा भागी रुखी गंदा प्रगध छाई, अन्ने ये जल मारा मा आउता, अंदर थी साव विशुद्ध थयूं छे, तेथी तत्व जिनान प्रगजू, अन्ननी आतली असर छे, माटे �
जेते थ्रवाई नहीं, जेते सिवाई, पिश्म जिवा न बोली शकेद उनतमें कवी साथ, कवी कावियों लशुद्ध
जासान रूपी जोने बैदियामा, आज द्रैक भीनी लोने, नावडी नावडी
पढ़ गए छे तो राउ रूपी जोने सुने, एमा आत्रियानी देती
पढ़ गए छे तो राउ रूपी जोने सुने, एमा आत्रियानी देती
पढ़ गए छे तो राउ रूपी जोने बैदियामा, आज द्रैक भीनी लोने, नावडी
पढ़ गए छे तो राउ रूपी जोने सुने, आज द्रैक भीनी
ओ दी नादी, ओ दी नादी, नादी
कफरी वक्त ममकारण, धारण रुखद भी मिरवारण
चारों बादु की जारें, कोई बेचारें मरे हुद्रपदी में
दिल से नीचे दोई गया, पुछित की भूँचे दोई गया
एक निकलो विकरण, बादारत नहीं सजाबाती
निकलने सजाप्याच्छने, बंद करो आखिरत की
तो फॉर चांगड़े, अनेम तरू के राज कहां बती चली शक्तों
तजा छोड़ी निकलने बादारत मिकरण, कफरी वक्त ममकारण, धारण
दुखम भी हिरर्वारण, आरवीतर नथारण
ये जगतारण, हे बाद, हे गोवीन
ये तारा अगर मन छाओ बचा ने
तफरी वक्त ममकारण, आरवीतर नथारण, दुख हीरर्वारण
तुं आरवीतर मन छारण, ये जगतारण
वास्त्र मां सक्षे की क्षत्र नरूत संगाष eat the holy food of the universe
तंचा लिए हाई ये हाई कृपा रथ हाई नेच सैस्त आई करे में संजसा हाईदर
अन्ता चिवस मात्र अनुलत धन्यवाद क्रण वत्तरा अवतार्थ मात्हा दूर
महाभारत में कृष्णा अवतार में एक सेटा अवतार से वस्त्रा अवतार
और रामाण्य में एक सेटा अवतार से पादुका अवतार
जदगान राम जी एक पादुका अवतार ही भूर्षित्रकृत में
नश हो गए आथे प्रसंगे प्रसंगे अपील करी रहो छू
व्यस्णों छोड़ जो अभक्ष भक्षम छोड़ जो
सुरापान छोड़ जो वरतो ले
हमारे रामाण्यी त्रिकंदाज जी बापु ओतार ही में एक दुहो ले जा
जा मुख हरी गुण गाये जा मुख जपले जासे
उन मुख धुआने कसे वो तो पुरल जनम की साप
यो मुख मांती हरी उन नाम निकले यो मुख मांती परमात्माना गुनगान गवाये
ये मोड़ा माची बासे दुआड़ा निकले थे तो पुरय जनम ना बात नहीं है
मैं तो विश्वनों छोड़े
जामुख भर्गुन गाईये अने जामुख जतिरो जाते
पुनमुख धुआनी कते वो तो पुरय जनम के श्वार
पुरय जनम के श्वार
पुरय जनम के श्वार
पुरय जनम के श्वार
पुरय जनम के श्वार
पुरय जनम के श्वार
पुरय जनम के श्वार
पुरय जनम के श्वार
पुरय जनम के श्वार
पुरय जनम के श्वार
Đang Cập Nhật
Đang Cập Nhật
Đang Cập Nhật
Đang Cập Nhật
Đang Cập Nhật