राज तिलक का शुब दिन है
चलो मंगल गान गवाए इसी ही दिन को तरसे थे सिया राम की दर्शन पाए
राज तिलक का शुब दिन है चलो मंगल दीप जलाए अयो धनगरी के लोगों संग उत्सव आज मनाए
राज तिलक का शुब दिन है
हाँ शुब दिन है
शुब दिन है
ये शुब दिन है
सभी तरके फूलों की हम मालाए आज बनाए
इस नगरी की गली गली में बंदन वार लगाए
सभी तरके फूलों की हम मालाए आज बनाए
इस नगरी की गली गली में बंदन वार लगाए
गुजरेगा रत जिस पर से उस पत पर फूल बिछाए
हम हम हम
राज तिलक का शुब दिन है
ये शुब दिन है
राज तिलक का शुब दिन है
चल मंगल गान गवाए
इसी ही दिन को तरसे थे
सिया राम के दर्शन पाए
राज तिलक का शुब दिन है
ये शुब दिन है
तभी नगर जन खड़े हुए तरशन की आसे लगाए
घड़ियां घिनेवे सोच सोच के वो पल जल्द ही आए
तभी नगर जन खड़े हुए तरशन की आसे लगाए
घड़ियां घिनेवे सोच सोच के वो पल जल्द ही आए
राज तिलक शुब अवसर है चलो प्रभु के दर्शन पाए
हम हम हम हम
राज तिलक का शुब दिन है
राज तिलक का शुब दिन है
ये शुब दिन है
राज तिलक का शुब दिन है चलो मंगल दीप जलाए
आयो ध्यानगरी के लोगों सांग उत्सव हम आज मनाए
राज तिलक का शुब दिन है चलो मंगल गान गमाए
किसी ही दिन को तरसे थे सियाराम के दर्शन पाए
राज तिलक का शुब दिन है
ये शुब दिन है