पुराने ना पाँच लक्षनों वर्ण वी अने शुजी महराजे विश्वक्रमा पुरान नो प्रारंब केवू।पुरान ना लक्षनों सर्ग परति सर्ग, वणश, वणवनत, इशानु चरित्र,सरचटी नी पुरान नी रचना, आदि कार ती सरचटी नी वरण एमा बतयवं से,कार नु माप पण एमा बतयवं से,किटलाक जुगनो वरस नो जुग थाए, अतर लाक 28,000 वरस जुगना,बार लाक 26,000 वरस जुगना, द्वापर न 8,000 वरस जुगना, कडिउग न 4,000 वरस जुगना, 32,000 वरस जुगना,कडमी गणतरी बतावी, अने सुची महराजे, आसरष्टी कय दिते उतपन थयी, एनु वरण कयवि,आदि नराज परमातमार खीर सगर मा पोयथा छे, अने ना पोपचा उगढा छे, तयर इना नावि मा ती एक कमण परग�बरमा कमण मी अंदर उतरवा लगया तया आकाशण वाणि थयि बरमा तप करओउगमनी दिशाए जओयू आच मुख मरिडू परव दिशा मा जओयू कहि देखाणू नहीआं चारे भाजू ए बरमा एक मुख मरिडू औने चार दिशा मा बरमा ना चार मुख थयाआकाश मा दरशि करता पाँचमु मुख आकाश दुन बिनुपंच मुखी बरमा औने यने तवपनो आचु मुख मरिडूपरव दिशा मा जोयू कहि देखाणु नेआम चारे भाजु यवरमा एक मुख मलिडूअने चार दिशा मा बरमा ना चार मुख थयाआकाश मा दरष्टी करता पाँचमुख आकाश दुन विनुपंच मुखी बरमा अने यने तपनो आरमब करोपाचमा मुखमा वेखरी वाणी आवी चार मुखमा वेध था अतले पाचम मुख वाणी थी दुसि ततो एपडी गुरु कपाए गेरुबरमाण पिडुब्रमाण ने सतीर करवा माते सेश नी फणा उपरोआधि नारायने ब्रमाण ने मिल्कुमपण सतीर नतो रहतुब्रमादी जोईरे आल से अने आकाश वानी थयीएमनी पडखेद बिजा एक देव प्रगट थयाएना जेवा आकारवाणाअने एना जेवा दाडीवाणा, एना जेवा व्रत कायएक आथमा गज थो, एक आथमा दोरी थीएक आथमा कमनगड थो, एक आथमा घनान पुस्तक थूआकाश वानी आखना करी ब्रमा, आत तमारा भाई छे, विश्वकर्माविश्वकर्मा बगवान कीजेमा बहुँ लोप करो चु, बगवान परकटे यन के न पुले, पुले विश्वकर्मा बगवान कीनमपार्वति बदे आरा, अंडाकार प्रत्वी ने आकार वाडि बनावा मातेविश्वकर्मा बगवान शहई करे, ब्रह्माय ब्रह्मान नी रचना करे, प्रकर्ती नाथ 24 तत्व प्रकर्तके रा, जे अनना गज मा 24 आकार से,विश्वकर्मा बगवान नाथ मा जे गज तो यन आकार 24 तत्व प्रकर्तके रचना करे, प्रकर्ती ने रहवा माते एक एक सरीथ विश्वकर्मा बगवान बनावी न आपवा लग्या,पशुपंखी ना चार पगवाण आवा अनेक,84 लाथ योनी ना शरीलो प्रकर्ती ने पसंद पडे इतला माते बनावा,पर जारे मनुष्यनो सरील वनायो,जारे प्रकर्ती ने आनन्द थेओ,आ पिंद मा आनन्द आवेव सरील,करण का सरील बव सुनदर से,नर्द, मनुष्यनो सरील,इना जव उत्तम कोई सरील नथी,साधन धाम, मोक्ष कर द्वारा,अतले के, मोक्ष नु द्वार, सरील भो गयमु,परकरत्यों ने 24 तत्तों ने,आज सरील गयमु,परकरत्यों ने 24 तत्तों ने,परकरत्यों ने 24 तत्तों ने,अनदर ब्रह्मनु,नेरूपन केरु,आने देवों औने शक्त्यों नु निर्मान चैवु,33 करोड देवतावनी रच्छिना चैवु,विश्व करमा भगवाने,अनेक ब्रह्मान्डों बनाएवा,निचे ना उपर ना येवा चैवु ब्रह्मान्डों,भूरलोक, भूरलोक, स्वर्गलोक, मरलोक,जनलोक, तपलोक, सत्यलोक,पुरलोक मा मनुष्य नवास चे,पित्रोनो वास भूरलोक मा चे,स्वर्ग मा मरश्यो रहे चे,मरलोक मा शिद्धो रहे चे,जनलोक मा गनदरलो ने विध्या दरे चे,निचे ना हत पताल,अतर, वितर, सुतर, तळतर,महतर, रशातर,ने हत मु पताल,आम छोदे ब्रमाण नी रचना करी,परत्यवपर साद दीप बनावी,अश्ट कोड परवत,अने नदियो बनावी,जोतिस चकरनु निर्मान केरू,जोतिस चकरना सवामि शूरी चे,अने इनो रत बरमण किरा करे चे,जे नी अन्द जे रत बनावा,जे रत बनावा, विश्वकर्म बगवाने, शूरी देवना रत नु निरमान केरू,आजे पण आपरि परत्वि उपर,विश्वकर्म बगवाने बनावेल शूरी नु रत कोनार्क माज से,जेना रत ना पईडा ना आरा उपर,दुणी आबर ना गडिआग ना टाइम आजे पन जोवा मले से,जगनात पूरी थि जता कऋनार्क,सइट किलमेटल चेते,अने तया सुरी नाराजन मंदिर छे,पगवां विश्व करमाय एरत बनायव से,अने शुरी ने आरत आपी,बरमांड ने परकाशित करवा,देदि पिमाण करवा, एने एक करम आयतु,छर उतो बनावि,अने छर गोडा थी जोडेलो,आज सुर्य महराज मरत से,राहू थी चंडर एक लक जोजन दूर,चंडर थी नक्षतर मनड,सुकर सुधी बे लक जोजन,आम एनु माप पण बतयव,गुरु थी सणि सुधी बे लक जोजन दूर जववाय,आम शक्त रुश्यो सुधी,बरमांड नी रतना भगवान विश्व करमाय करि,अने आदी नारायन, परमातमाय,आबरमांड मा,अने एक वखत लिला अवतार लिदा,एमन्यू, आम रश्यो नु आरस दरसन छी,आपराणो छे ने,एरश्यो आरस दरसटा से,आपरे बदु नो जाणि सकी,पण अनन्त बरमाण लोधी ने दरसटी,जे रश्यो ने होए,एज आकथा बरनवी सकी,रश्यो आरस जरसटा अटले,अनन्त लोगा लोग ने दरसट धय शक्तु होए,एज आकथा करक्षर भी,बुद्धी पुर्व,अपर आमा विचारी नर शक्ये,कै रिते बरमान बनवी से,पर बगवान विश्वकरमाय,आप बरमान बनवी से,अने सुर्य नो रत,अपर ने कदाजे संका पडय कर रत क्या आईशे,पर आजे सुर्य नराण नो रत,कनारक मा,बगवाण सुरी नराण नो मंदीर छे,सुरी कुण्ड छे,अने एना रत ना,पइडा ना आरा मा,दुनी आबर ने घडियार नो तईम,एक इसात जरि शकाए,अवन गणित पण बतयविं छे,अतलि बतावे छे,परमातम विश्व करमए,अपर बरमन यद भूत रचिन करने,बदिवाद अमा,काम लागतो नथि,बदिवाद करमए,समजा सह नही,पर आपर आपर पर बव करपा सह,करमए आपर पराणवनी कथा,अपर ने मते,भगवत मा ओदव ने बगवान करषच कहसे,ओदव, भगवत मारुन सवरुप छे,एम विश्व कर्मा पुरान,एब भगवान विश्व कर्मा नु वांग मै स्वरुप छे,एम माणी एनो आदर करु,गरनत ने पुजा करु,गरनत ने आदर विश्व करमा नु वांग,अने यन्दर भाव करु,जयर शमई मले गरनत ने परणाम करु,वांचन करु, अने यने उत्तम सताने मुखी,अने यने पुजा आरते करवी,शक्षात विश्व करमा भगवान,आप पुरान मा विराजी से,एवव भाव थी जरव भकत पुजा करे,एने जरूर अभ्यूदै थतो रेशु,तवष्ट आवतार नु कथा सुद्जी माराज वरवने से,सोन्का दिक मनीयों एक फरष्ट किरो,सोन्का दिक मनीयों एक फरष्ट किरो,बरमा ने मदद करि ब्रमान ने रचना केरा पच्य, सोर्ग मा रहता देवताओने समरति वदि,देवताओने तयव सवरग ने अदवुत रचना थाए, बरमा जी ने पराचना केरु,बरमा ए विश्व करमा मा रधन केरु, बरमान ने रचना करवा माटे, विश्व करमा बगवान तरगत थया,अने बरमा जी ए देवताओ ती पराचना करवा, कि श्वरग ने रचना करवा, आप अवतरिक थयओ,विश्व करमा परभु ए, कल बदे महराज, योगि समय, हू, आथमा वश्व परभास करयत्या, अवतार धारण करिस्,वश्व पराण मा एवी कथा थय, देवना गरु बरश्वती नी बेन, आथमा वश्व परभास साथे लगन करा, आयोग सिद्धा सतरी ने त्या, वअने आज एक पगरम परगत थय, यन नाम तवष्टा परगत थय, तवष्टा देवना मनरत पुळण करवा माते तवस्टा देव तरकसवनकादिक मनियों ना आनंत छोएमाराज देवो नि शबा नु आयव जम करुविश्वकर्म बगवानेदेव राज इंदर नि शबा नु वरणनु करुविश्वकर्म बगवानेदेव राज इंदर नि शबा एतो अलकी बनादिइंदर नी शबा एशाखचाथ बगवान विश्वकरम आए बनादिसूरय नी कांती वाडिआ इंदर नी शबाआ इंदर नी शबाइंदर परसन थय गयाविश्वकरम बगवाने सो जोजन लामवी पोडी आकास मायले नारीइच्छा परमाने गमन करनारीदेवो ना राजा इंदर नी इंदराणीमथा पर मगट डाल करीजे इंदराण समदर विराजेएस्यातं आने अदभूत रचनादवता ओजयजे कार करीदवता ओजयजे कार करीएंदराजनी सहमनी नगरी निरचना करीवरवनदेवनो वरवनलोक बनायोकुबेर नी सितेर जोजन पोडीआरचना अदवु देवा ब्रह्मान नी रचना तरस्टा देव करीएम मुन्यो एतला मटे बगवान विश्व कर्मा नाम तरस्टा देव तरके प्रगट थेयूएमनु लगन विवस्वान आदित्य साधे थेयूआदित्य तरस्टा देव ना जी बेन था नाम तवाश्टी थुऔर एमनु लगन आदि नारान आदित्य साधे थेयूआदित्य और शगना नी कता रसियों यह पूती जेने आपर गुदरात्मा रांदल मा कयय एसेसरि नारान ना पतनी रांदल नी कता आओजेविवश्वान अतले आदित्य नारान अने शगना देवी एरांदलपण एम तेज भगवान आदि नारान नु अदभूत रतुअने शगना जी आतेज ने सहन न करसे चारखणो वकत विचार केरो औने एक वकत सगना जी एने नेने केरोएस शुर्य नी आस तेज ती मम बडि जहीसुएतले पोते पोता ने छहया मतकी एक सतरी ने पगट करीअने सतरी ने पोता ना जयवं रूप आपीअने पोते पिता ने घर जवा ने मते निकडि गयाचहय ने कयू कत तु बताविष्ट ने मु मारा पिता ने घर जवं चूमारा बालक ने हचव जे अने मारा पती ने तु सवा कर जेमारी जें तु पत्नी मनी अने ने शवा कर जेमाडि एने खबर नो पडे एतने संगना माणि लहचव जेचहय ने शमजाद संगना पिता ने गेर चे तरयपिता ने गरे दिकरी पाछि आवे पिता ने खेम गयादिकरी तो सासरे चारेपगवा ने शु करमा एकेओ दिकरी तो तरा पती ने त्यां जान्संगना पती ने गयर नगया पण भोडि नो रूप लई अने कुरक छेतर मा लिलू गांस चरवा लगयतसंगना ने विवश्वान ति मनु नामे पुतर थया यमदेव थया अने यमना महराणी थया जे करति पोर यमना दी रूपे बिरपण छहया पोताना जरन्जणिला पुतरवपर वधारे परेम करेआणे शङगना पुतरवपर परेम ना करेपदि कथा कयतिदी सुरी नाराणे ने करोत थयो आणे कुरूप छेतरमा शङगना जिने गोडि ना रूपे जोयीआजे पण आपले रांदल तेडि ने तो त्या रांदल मा गोड खंदवा ने परथा स्थापगवां शुरी नारणे पण गोडा नो रूप दिदवं छे अने पझि संगना जी ने परशन किरा छेसंगना जी ने पता ना दुख नु कारण कयव शुरी नु तेज अतिशय ऊगर हतू अने तेज ने समव माटे पगवां विश्व करजने शुदरसन चकर कयजजे बगवां विश्व कर धारण कयदूबकि नु तेज वयदूबगवां विश्व कर धारण कयजवजर आंगीजेन आंगु पर वजर नो भाग चेअने थोडो भाग वयदूएप मा भारत नापाथ पंडुना बायभीम ना लावे पढ़ के लगैओकरतवी सीआज पना आपड़ेसुदरसनचक्र तरशूरहन्मांजी महराजअने भीम आपड़ा ने आपड़र जानी।सुरिनारानसांत थयाअने पजि सगना देवीअदिएने त्यहां गया सेबन्यी पत्मियों निँहरेभगवान शुरीय नारान्योअधबूत संसार