अकिर कहें। अकिर कहें तो हमके छोड़ के जाता रूं?हमें कहा कॉमीबा? कहा हम तोके प्यार लगी देड्ये या ना दे पाई?पोँड जाना छोड़ के? अकिर ओँ हमसे ज़दा प्यार ना देई तोके?यकीन मानो लाखो कोशिस कर चुका हूं मैंतुम यकीन मानो लाखो कोशिस कर चुका हूं मैंनहीं यह धड़कन रुपती है और नहीं तेरी आदमपीरितिया के रोग तुम धरादी हलोजीवते जीहम के मुआदी हलोहै पिरितिया के रोग तुम धरादी हलोहै यकीन मानो लाखो कोशिस कर चुका हूं मैंहै पिरितिया के रोग तुम धरादी हलोजीवते जीहम के मुआदी हलोपहिले तरहनी गुलाब तुहारा खातेखिलते सुखादी हलोपिरितिया के रोग तुम धरादी हलोजीवते जीहम के मुआदी हलोसिकायत नहीं जिन्दिगी सेमुझे सिकायत नहीं जिन्दिगी सेकि तेरे साथ नहींबस तुँ खुस रहना मेरे यारअपना तो कोई बात नहींठीक बात?अपना तो कोई बात नहींतरस्टाओतबरसों के प्यार हमार थोडलू तुपाल मेंगईलू बदल कैसे के करा कहाल मेंहवस मिठा के तु तोड़ दी हलू नाताके के अपना लिए हलू हैपिरीती आखे रोज नहींबात नहींतुपाल मेंबरसों के प्यार हमार थोडलू तुपाल मेंहाँ पिरीती आखे रोग तु धरादी हलूजीते जीहम के नुवादेएक उम्र बीत चली है तुझे चाते हुएतुझे आज भी बेखबर है कल की तरह// पिरीती आखे रोज नहीं बात नहींकब न पलट के देखो जातु धराए रोगकोईणी आजाद तोखे ना इखे कोमजोर रोगकब न पलट के देखो जातु धराए रोगकोईणी आजाद तोखे ना इखे कोमजोर रोगससी सिवं के बजारू समझ के भाव लगादी हलू हैपिरितिया के रोग तुम धराए दी हलूजीयो तेजी हम के मुआना दी हलू