कड़िके बिजूर यहां गर्जे बदरा को यल को हुक मचाए दे
बल्मा बेदर्दी को दर्द नाए क्या करूँ मैं हाई दे
कड़िके बिजूर यहां गर्जे बदरा को यल को हुक मचाए दे
बल्मा बेदर्दी को दर्द नाए क्या करूँ मैं हाई दे
पिरतिया के पीद ना सहाला हो केहुं से कुछ ना काला हो
हाया पिरतिया का पिरना सहाला हो केहों से कुछ ना कहाला हो
प्रेम दिवानी हम के बना ना प्रेम की राह में चले के सिखावा ना
बिचे सफर में काहे पराईला
मेहदी महामर तरसे हमर
बिचे सफर में काहे पराईला
जुड़ा बाके कजरा हो, ओठ के लाली, कान के बाली, तर सदावे कजरा हो
होम से अकेले ना रहाला हो, केहूं से कुछ ना कहाला हो
है अपिरतियां के पिर ना सहाला हो, केहूं से कुछ ना कहाला हो
दिल आवा बेचारा खो जाता सहारा
छी रोता दिल पीर को के बे सहारा
ओ बुना लगाई बु दिल ही दुबारा
ओखिया से निंद उडल बन के गुबारा
जैसे पानी बिन तरसेली मछली वैसे बानी हो
सास में हमरा आस जगा के कोई ले उमन मानी हो
लोडा वहाँ से दोरिया बहाला हो
गैहू से कुछ ना कहाला हो
पिरतिया के पिरना सहाला हो
गैहू से कुछ ना कहाला हो