हे भूले नाज
भांग के चकर में खर परिवार तो भूल ही गए हो
ओ गौरा मैंने भांग नहीं पी
आपकी चार धाल से सब पता लग रहा है
जैसा तु समझ रही है मैं वैसा नहीं हूँ
आप पिलकुल वैसे ही है
भांग का प्याला पीके जूल रहे हो घर परिवार सारा भूल रहे हो
प्रैस जस्मबान
जद ही नहीं दाई
ओसडकाइ स्केर इसट जाकन परeneca
गौरा मुझे सारा दिल परिवार की चिंदा रहती है,
समझ मैं नशा करूँगा क्या?
मुझे सब कुछ पता है कितनी चिंदा रहती है
बने ही नशेडे मुझे मिले भोलेनाथ जी,
जाने क्या है मिले तां भाँग में स्वाद जी
भड़ई ही नशेडे मुझे मिले भोलेनाथ जी,
जाने क्या है मिले तां भाँग में स्वाद जी
बाते बोल फिजूल रहे हो घर परिवार सरा भूल रहे हो
है
मुझे तेरी किसे बात का तुमें ना ख्याल भोले मेरे जजबात का
तेरी है कसम कभी तोड़ी नहीं जी घर परिवार में ही लगा मेरा जी
तेरी है कसम गौरा भाँग नहीं ती घर परिवार में ही लगा मेरा जी
गौरा
अपनी शक्ती विमारी दूर कर ले और मैंने भाँग नहीं पी
मेरा शक्त जूता नहीं है भोले नाथ मैं जो समझ रही हूँ वो सही समझ रही हूँ
नशे में जो देखा कभी भुले रोट जाऊँगी
जाऊँगी मैं माय के मैं लोट नहीं आउंगी
गोळा खो समझ बुले भूले रहे हो
घर परिवार सारा भूल रहे हो
तेरी है कसम गौरा भांग नहीं पी
घर परिवार में ही लगा मेरा जी
भांग का प्याला पीगे जूल रहे हो
घर परिवार सारा भूल रहे हो
तेरी है कसम गौरा भांग नहीं पी
घर परिवार में ही लगा मेरा जी
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