सम्दी जी सुन नव तोले का हीरा मोती और सुनवा के हारसम्दी भडवा सब कुछ जाने दुल्हा के पूआ चिनारपूटन्या सम्दी गारी न देदुल्हा के माई चेल चबीली रच के करे सिंगासम्दी भडवा सब कुछ जाने खोजे मन कियालकनवा सम्दी गारी न देदुल्हा के चाची बड़ी चिनरी आखोजे रोज भतादुल्हा के चाचा सब कुछ जाने दर से चड़े भकारपूटन्या सम्दी गारी न देदुल्हा के माऊसी बैट के खाए रस्कुला रज्डादुल्हा के माऊसा सब कुछ जाने चिनरी जाए गोरतादुल्हा के माऊसी बैट के खाए रस्कुला रज्डा