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Narsi Ji Ke Pitaji Ka Shradh Kaise Hua

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Lời bài hát: Narsi Ji Ke Pitaji Ka Shradh Kaise Hua

Lời đăng bởi: 86_15635588878_1671185229650

अमोकाम कर लेती तो नरसी महता क्या थी गोपाल जी जानई कि हम ओर इसके अलाभ कोई काम
है कि स्वश्व भागवतकार लिख रहे हैं स्वश्व भागवत परीक्षित भगवान परीक्षित की करपा करके नहीं आए
सम्मंदों को मिलने के लिए
कि उसका सकता है
कि वह भगबान कही नहीं समझेगा मैंने सम्मंद ड्वापर में निभाया मैंने 3i में जिर्बन
किया मैंने सत्योग में किया मैं तो आज भी इसी कलिकाल में जीत प्रकृति करता हूं
है बस एक ही बात है कि जिसका हरी से जुड़ा संबंध है उसको हर घड़ी आनंद नहीं
कि नसीन महत्वा से किसी ने पूछा क्यों क्या होगा उन्होंने ट्रोल पांच से एक बार नरसी महता जी
कि बाद पिताजी का श्रादा था तो बड़े लोगों से किसी ने कहा उसनो कल श्राद है और पिताजी का श्राद
पणित्यारी क्रियाएं करना है मुझे ठीक है वह करेंगे ब्राह्मणों का भोज भी करेंगे सबको आमंत्रण देते
हैं क्योंकि जूनागड़ में 300 नांगर बंची ब्राह्मण रहते हैं तीन सो नांगर बंच के ब्राह्मण तीन सो तो घर
से अब उनकी संख्या से नहीं है है तो नरसी महत्व के बड़े भाईयां ने का बोले सुनो सबको आमंत्रण दो एक काम करना
वह मेरा जो भाई चोटा पागल है वैसे करता था कुछ नहीं है तो यह की काम है बस राधे गोविंद्र राधे गोविंद्र बस
द्वांता रहता है कोई काम भी का बले सबको आमंत्रण दो से भी कह देना वह भी आ जाए कब स 먹고 सबो आमंत्रण
दिया नरसी महता से कबूली नरसी महता जी कगल पेता जी का सुराद थे कल समय से आ जाना एक क्वालाम अंतरन दूसरे
पता जी केवल भाईया के नहीं थे पता जी आपके भी थे तो आप भी सुरात बता रहे हैं अब बताओ यहां खाने को दाना नहीं है
है और भगवान अहम भक्ता पराधीना के सिद्धानत को नकार नहीं सकते हैं
कि भागवतकार कह रहे हैं प्रियादाज भक्त बल्लवा टिपड़ी मलिख रहे हैं महाराजी था तुम्ही कैसी प्रीति निभारत
गांव के लोगों ने तो केवल हसी के लिए बोले देखो अब नरसी मैता का जगत हसी करेगा बोलिए यह यह यह ब्रह्म

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