अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह
दिल्म चली तारगे हर घड़ी नामे आका जबा पढ़गे
जिक्र गो तारगे सास चली तारगे नात सुन तारगो नात पढ़ तारगो
आख पुर्णम रघे दिल्म चली तारगे बेसादा रुखा कोई साधारा नगी
मुस्तफा के सिवा तो गुजारा नगी उनकी चश्मे करं हो तो
कुछ गम नगी चाहे सारा ज़माना बदल तारगे
उनकी चश्मे करं हो तो कुछ गम नगी चाहे सारा ज़माना बदल तारगे
नात सुन तारगे उनकी चश्मे करं हो तो कुछ गम नगी चाहे सारा ज़माना बदल तारगे
आख पुर्णम रखे दिल्म चलता रखे इश्के अहमद सी दुनिया में नेमत नगी
आख पुर्णम रखे दिल्म चलता रखे इश्के अहमद सी दुनिया में नेमत नगी
मालों जर्की भी कोई हाकीकत नगी
बातशाँगों से बैगैतर भीकारी है वो उनके दर्पर
जो तुकडों पेपरी
तारगे बातशाँगों से बैगैतर भीकारी है वो उनके दर्पर
जो तुकडों पेपरी
तारगे नात सुन्तारागों नात पढ़तारागों
आख पुर्णम रखे
दिल मचली तारगे
क्या भला आसके जिन्दगी के मजे
दूर रहे कर हबी वे खुदा से मुझे
उसकी हालत करूं तो करूं क्या बाया
भर धर्गे तारगे
दिल जो फुर्पत में जलतारगे
उसकी हालत करूं तो करूं क्या बाया
भर धर्गे दिल जो फुर्पत में जलतारगे
नात सुन्तारागों नात पढ़तारागों
नात सुन्तारागों नात पढ़तारागों
आख पुर्णम रधे दिल मजलतारगे
मुस्तफा की नज़ादारागे
मुस्तफा की नज़ादारागे
उसको ठुकराए सारा जाहां भी अगर
गिरने वालाम अगर फिर समभल तारगे
उसको ठुकराए सारा जाहां भी अगर
गिरने वालाम अगर फिर समभल तारगे
नात सुन्ता रघू नात पढ़ता रघू आख पुर्णम रघे दिम चलता रघे
नज्म की ऐ खुदा आरजू गय है आशीके जार की आब रो गय है
नज्म की ऐ खुदा आरजू गय है आशीके जार की आब रो गय है
मौत के वत सर उनके पदमों में हो दीद होती रखे दम्दमी कल तारगे
नातु सुन्तारहू नातु पढ़तारहू आख पुर्णम्दगे दिल्मचल्तारगे
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