पीकलिक पूरन काल भरावा
पीकलिक पूरन काल भरावा
होरे मुवानी रे साखी मुवानी
ससुरा में साखी हमरा मंचल बागा धरावा
प्राइबेट पीकलिक कैलेब पूरन काल भरावा
मुवानी के मार हमके मरलेब भातारावा
प्राइबेट पीकलिक कैलेब पूरन काल भरावा
मुवानी रे साखी मुवानी
कोरी हैं याके पिरवाते मुवानी
होरे मुवानी रे साखी मुवानी रे
यब ऐसन करम नहीं कर हमला भरवा के संगे न रहो
होरे मुवानी रे साखी मुवानी रे
होरे मुवानी रे साखी मुवानी रे
होरे मुवानी रे साखी मुवानी रे
कहानी के फोटो जानू ऐसे न निकाला
हो जाई बादल में लफ़डा हो
रहरी के खेत में भी छावल रहे जाता
हटल रहे देहसे कपडा
कहानी के फोटो जानू ऐसे न निकाला
हो जाई बादल में लफ़डा हो
रहरी के खेत में भी छावल रहे जाता
हटल रहे देहसे कपडा
इजत के भादी पाल कैल ताई आराव
प्राइबेट पी कली को कैल बपोरन काल भराव
तूनी ने साखे बुहादी
तूनी ने साखे बुहादी
उद्भाती रोही संजे का हम बताई
भाईल का पुरा पुरा हाल हो
मारी मारी पूछता हमारो ओसो बंडवा
ना जाने का का सवाल हो
नई हरा के बाटी यी पे ठावाल खबरवा
ताहिर पूछता हमारो ओसो बंडवा
ना जाने का का सवाल हो
नई हरा के बाटी यी पे ठावाल खबरवा
प्राइबेट पीक लिख गईले बापोरन काल भालवा
मुवली रे साखे मुवली
कोरी हैं आके पिरावाते मुवली
हारे मुवली रे साखे मुवली