हाथ बढ़ाया
खाली ही रह गया
जरने में बह गया
इश्क रहाना
कसमे पुरानी कसके पकड़ती हूँ सासे है थामी
तुमको तुम्ही मैं क्यों ना ढूढ पाती
क्यों ना देख पाती
खो गए
तुम कही खो गए तुम
कही तुम कही
तुम कही
कूँजती हैं शामे
सनाटे के शोर से
मोहबते हैं घुलती
जहर की जुपान पे
इश्क रहाना यादे पुरानी
देखती हूँ अपनी तनखाई इस मर्ज कमर हम क्यों ना ढूढ पाती
क्यों ना जेल पाती
कोगली मैं कनी कोगली मैं कनी मैं कनी
जाएँ इस बाग में पूल मर जाएं
हर
बाद बेहम टक़राएं की चूज तना और दूर दूजाएं
तुमको खोतूं या रखलूं
अधूरे से फ्यार की उम्र कैद मैं
जाहे महफल में लाखों हो पर तुम ना हो तो अकेली हूँ मैं
हाँ अकेली हूँ
हाथ फिर फैलाएं सक्मों से भर गएं आखों की मोती
सिराने पे बह गएं
खो गएं हम कहीं