उन ने...
क्या जाने
मेरी लगी शाम संग परी
ये दुनिया क्या जाने
क्या जाने कोई
क्या जाने
क्या जाने कोई क्या जाने
मेरी लगी
सामरे किय क्या जाने
लस थे
आने
बांगी प्रेम की डोर मोहन से
नाता तोड़ा मैंने जग से
ये कैसी पागल प्रीड़ ये दुनिया क्या जाने
मेरी लगी शाम संग प्रेड़ ये दुनिया क्या जाने
ये दुनिया क्या जाने
मोहन के सुन्दर सुरतिया
मन में बस गई मोहनी मुरतिया
लोग कहे मैं भाई
बावरिया
जब से ओड़ी शाम चुनरिया
मैंने छोड़ी जग के लिए ये दुनिया क्या जाने
मेरी लगी शाम संग प्रेड़ ये दुनिया क्या जाने
हरे कृष्णा
हरे कृष्णा
कृष्णा कृष्णा
हरे कृष्णा हरे कृष्णा
कृष्णा कृष्णा