गितनो परहम बाबाके भकनी
तब सुखल लोड़ा चतनी
तमाईर अबनारा हब यपने ससुरार पर मौल्गावातार परना
जबसे हम बैली तबसे पुछों नाही काईले
कोरावान लेके नाही रात भर सुखकाईले
तो कैसे गुझारा करी
सुखल भया चार पर मौल्गावातार परना
तमाईर अबनारा हब
जाके ससुरार पर मौल्गावातार परना
सोरम के बात माई कैसे हम बताई देखि उनके रहन हम तो गईनी पगालाई
सोरम के बात माई
कैसे हम बताई देखि उनके रहन अम तो गईनी पगालाई
पगला आई तचोली पहिनत रोहे जाकि किवाडी कियार पर
अपूआ मनो
जच्छोटु दिहले फ़साई,
निकलाल मनाई खेसरिया के भाई
तर जाकि छाकानी नाँजे,
लावजार पर माँगावधार पर नाँजे
तमाईरे अपना रहाब जाके
ससुरार पर माँगावधार पर नाँजे
कितनो भरं बबाके भकखनि,
तभमो सुखल लोड़ाजच्छुńاगाआ,
तुमाईरे अपना रहाब जाके
ससुरार
रहाब बर माँगावधार पर नाँजे
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