इश्क की धूम रोज जलाए
उठता धूमा तो कैसे छुपाए
अखियां कर जी हजूरी
मांगे है तेरी मंजूरी
कच्रा सियाही दिन रंग जाए
तेरी कस्तूरी रेन जगाए
मनमस्त मगन बस तेरा नाम दावराए
तू चाहे भी तो बूल न पाए
मनमस्त मगन बस तेरा नाम दावराए
मनमस्त मगन मनमस्त मगन तेरा नाम दावराए
जोगिया जोग लगा के
वखरा रोग लगा के
यीश्वती बूंने रोज दलाए
उठता भूमा को खेले से चुपाये
मनमस्त मागन बस तेरा नाम दावराए
चाहे भी तो भूल न पाए
मनमस्त मागन बस तेरा नाम दावराए
यीश्वती बूंने रोज दलाए
उठता भूमा को खेले से चुपाये
मनमस्त मागन बस तेरा नाम दावराए
ओध के धानी फ्रीत की चादर आया तेरे शहर में राजा तेरा
दुनिया जमाना छूटा बसाना जीने मरने का वादा संचा मिरा
आशीश महल मुझको सुहाई तुझ संग सुखी रोटी भाई
मनमस्त मागन बस तेरा नाम दावराए
दो चाहे भी तो भूल न पाए
मनमस्त मागन बस तेरा नाम दावराए
मनमस्त मागन तेरा नाम दावराए
मनमस्त मागन बस तेरा नाम दावराए