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Manushy Ke Jiwan Me Sabse Keemti Cheej Kya Hai

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Lời bài hát: Manushy Ke Jiwan Me Sabse Keemti Cheej Kya Hai

Lời đăng bởi: 86_15635588878_1671185229650

तो बोले दूसरे गाउं से ढूढ़ने में टाइम ज्यादा लगेगा, तो रेट बढ़ाओ थोड़ा, गाउं वाले भी होस्यार थे, तो उसने गाउं 200 रुपे के एक बंदर खरीद दूँगा, तो दूसरे गाउं से सब बंदर, 10-20 किलोमेटर से बंदर पकड़ पकड़ कर
लोग लाए, सब बंदर खरीद लिया 200-200 रुपे, फिर बंदर खतम हो गए 10-20 किलोमेटर तर, फिर बंदर नहीं मिले, तो बोले कि अब और दूर से बंदर लाओ, 50-60 किलोमेटर से, बोले फिर तो बहुत मेहनत है इतनी दूर जाना आना, तो अपना खर्चा भी होगा, ग
आए 500 में बिल गया, अब बंदर बचे ही नहीं, 60-70 किलोमेटर तक जाओ तर, तो बोला कि ऐसा करो, अब अगर बंदर पकड़ कर लाओ, तो 1000 का एक बंदर हम खरीद लेंगे, बोले ठीक है, तो बहुत ढोड़े लोग नहीं मिले बंदर, किसी को एक मुस्किल से मिला, बाक
जो उस कंपनी का मालिक था, वो भी शाम को आया, बंदरों को खरीदने वाली कंपनी का मालिक, और अपने मेनेजर को भी लाया, और मेनेजर से कहा, कि अब तू सभाल, मैं थोड़ा जरूरी काम चाहा, मेनेजर
शाम को वही रुका गाउं में
गाउं वालों से बोला
कि एक काम करो बंदर नहीं मिल रहे है
तो आप जो
मेरे पास में पाँच पाँच
ये सब बंदर हैं एकठे
इनको पाँच पाँच सो रुपे में
खरीद रुपा
और जो मालिक कल आएगा
हमारा जो अफसर है
कल एक एक हजार में बेच देगा
तुम्हारा भी फाइदा हो जाएगा
थोड़ा हमारा भी भी जाएगा
वो मेनेजर ताल मेल बिठा है
तो सब गाउं वालों ने
पाँच पाँच सो के सब बंदर खरीद ली
आप सब के पास
दो दो सो बंदर तीन तीन सो बंदर
खरीद के बैठे
और वो जो मेनेजर था
वो क्या किया
वो सवेरे
चार बजे उठा और वहाँ से भाग गया
मेनेजर चला गया
अब ढूणा मेनेजर नहीं है
वो सब के पास दो दो सो तीन तीन सो बंदर है
अब गाउन की लोग इंतजार करते रहे अब आयेगा
अब आयेगा ना मेनेजर आया
ना उसका मालिक आया कोई नहीं आया
सवसो रुपे के जो बंदर
ख़रीदे थे वो भी पानसो में बैच लिया
दोसों वाला भी पानसो में बैच लिया
अब गाउं वालों के पास इतने बंदर हो गए कि 70 किलो मीटर के सब बंदर उसी गाउं में कठे
उस गाउं की पूरी फसले उजाड दिया सारा सत्या नास हो गया
तो लोग बोले लोब में पढ़ करके लालच में पढ़ करके ये दसा हुई है
इसलिए अगर पहले से संतोष रहता तो ये बंदर वाले चकर में पढ़ते ही नहीं
अभी कहानी आपको अच्छी लगी है लेकिन आपके गाउं में भी कोई ऐसा आज है तो तुम फस जाओगे तुम
इसलिए संतोष का भी बहुत बड़ा स्थान है
घर में भी संतोष रखो राजनीती में भी संतोष रखो यदि पार्टी ने टिकट आपको नहीं दिया है संतोष कीजिए पाँँ साल के बाद आपको टिकट मिल सकता है
ज्यादा उल्जन करोगे, दंगा मचाओगे, जिन्दाबाद, मुर्दाबाद बोलोगे, पार्टी की हाई कमान रुष्ट हो जाएगी, तो 20 साल टिकट देगी ही नहीं, इसलिए उसमें हुलड मत मचाओ, संतोष रखो,
जो इस समय राष्टपती है रामनाथ कोबिंद जी, बिहार से ये संसद का टिकट मांग रहे थे, तो भाजपा पार्टी ने इनको टिकट नहीं दिया था, लेकिन ये संतोष करके बैठ गए, हुलड नहीं मचाए, ना, कोई अटेक नहीं किया, सांतिस बैठ गए, बैठे रह
रहे थे, फिर उसी भारती जंता पार्टी ने इनको आफर दिया राष्टपती बनने का, देखो, संतोष का फल, सब सांसद उससे नीचे हो गए, राष्टपती जहां बैठता है, प्रधानमंत्री भी उससे नीचे बैठता है, एकदम वो आत्मी का भाग्य उठा, संतोष क
का फल मिला उससे, मनमहन सिंग ने कभी जंजट किया ही नहीं कि हमको प्रधानमंत्री बनाओ, वो तो चुप चाप रहते थे, संतोष करके बैठे रहते थे, उनका कोई नाम भी नहीं जानता था ज़्यादा, अचानक उनका नाम आ गया, प्रधानमंत्री दस साल रहे हो, कि
ज़्यादा फायदा होता है, और जो संत बहुत तरक वे तरक उल्जन मचाता है, ऐसा क्यों नहीं हुआ हुई, क्यों, अगर मगर तगर, तो गुरू समझ जाता ही, नालाइक आदमी है, ठीक नहीं है, अभी अगर मगर तगर कर रहा है, फिर कहीं पावर में आ गया है, तो �
फिर पूरा मगर मच्छो जाएगा है तो शंतोष सब जगे हमें लाभ देता है और महिलाओं को तो अपनी घर में बहुत शंतोष रखना चाहिए और शंतुष्ट रहना चाहिए
लहस्त संतोष और संतुष्ट संतोष और संतुष्ट दोनों समझना संतोष का मतलब है वह चीज नहीं मिली तो हम संतोष कर लिए
लेकिन संतुष्ट का मतलब है कि हमारे मन में टीस नहीं है दुख नहीं है हम संतुष्ट है सेटिस्पाई है संतोष करना एक
चीज है और संतुष्ट हो जाना वह बहुत अलग चीज है . तो संतुष्ट रहना चाहे . कितने घरों की इस्त्रियां
बहुत असंतुष्ट रहते , वह अपने पती से भी असंतुष्ट है , शास और ससूर से भी असंतुष्ट
उनको बहुत गुस्सा भरा हुआ हो
जो वेवस्ता मिली है यह आपका भागय है इसलिए इतनी ऐसी मिली है
सबको बराबर थोड़े हो जाती है
आप उसमें संतुष्ट होईए
गुस्सा मत कीजिए नाराज मत होईए
और जो इस तरी समझदार होती है
वो तो परिस्थती के अनुसार अपने आपको सेटिस्फाई कर लेती है
जो पुरुष समझदार होता है
कभी कभी भोजन का स्वाद बिगड गया
उसमें भी उसंतुष्ट रहता है
नाराज नहीं होता
असंतुष्ट नहीं होता
नमक कम ज्यादा हो गया तो भी तालमेल बिठा लेता है
अरे क्या फार्क पड़ता
अगर भोजन का स्वाद बिगड गया
इसका मतलब तुम कम खाओगे
और कम खाओगे तो इसका मतलब आपका वजन घटेगा
और वजन घटेगा तो इसका मतलब यह है
आपका बीपी ठीक रहेगा
सुगर ठीक रहेगा
लपड़क कतम हो गया
तुम्हारी पतनी इसलिए स्वाद बिगाड रही
थोड़ा ज्यादा ही खाओगे आप
लेकिन इसका आर्थ यह भी नहीं है
कि कल से ये सब महिलाएं
अपने घर में भूसा बना बना कर रखें
क्योंकि उसमें भी खतरा है
जो महिला अपने घर में भोजन
स्वादिष्ट सुद्ध पवित्र बढिया नहीं बनाती है
उसका पती फिर होटल की तरफ जाने लगता है
और जिसका पती होटल की तरफ गया
तो फिर वो बोतल की तरफ भी जाता है
फिर वो टोटल जाता है
इसलिए पती बचाओ आंधोलंच शुरू करो
अच्छा भोजन खिलाओ ताकि होटल की तरफ न जाये
घर की तरफ आये
और घर की तरफ जब आयेगा
तभी तो घरवाला बना रहेगा
नहीं तो घर का दीवाला कर देगा
इसलिए उसको अच्छा भोजन खिलाना चाहिए
और ध्यान भी सबका रखना चाहिए
पती का भी ध्यान रखो
कहा जाता है कहा बेटता है
किसी किसी मिलता है
बिल्कुल खोज करो कोलंबस की तरह
पेसे का हिसाब खिताब तो लेते ही हो
लेकिन टाइम का भी हिसाब खिताब लो
कितने घंटे रुके कहा
पति लोग सोचते होंगे इसलिए तुमको बोलाया हुई
इनका पावर बढ़ा रहे हो
और चो बिक्ती अपने टाइम का भी हिसाब किताब दे सकता हो
पेशे का भी हिसाब दे सकता है
और शामान का भी हिसाब किताब साम सुत्राद दे सकता है
है वह मनुष्य की रूप में महान देवता होता है नारी की रूप में नारायणी होती है और नर की रूप में नारायण
खांसी है खांसी है क्योंकि मैं 20 साल के बाद सर्दियों में नेपाल बढ़ गया था कल मैं और टंडी बहुत है
कि बहुत ठंडी है वह इस समय पानी भी वर्ष रहा है कि कल मैं अपने गुरु के पास था उनका दर्शन करने रात में
कि डेढ़ बच्चे सोया कि आठ और नौ के बीच की रात और फिर यहां कल नौ दस के बीच की रात ढ़ाई बच्चे सोया तो जागरण
और
उसने गर्म कपड़े सब हवाई जहाज के लगेज में डाला कि लखनऊम मिले तो दिल्ली में ठंड लगे एयर कंडीशन चल रहा था
कि वहां नेपाल बार्डर पर ठंड लगी है तो मेरे गुरुजी कह रहे थे तुम इस महीने में क्यों आए 20 साल से तो आते
थे मैंने का आपके प्रेम में आया हूं दर्शन के लिए बोले नहीं स्वास्थ्य खराब हो जाए तो वह ठंडी लग तुम घबराना मत
मैं कल तक बिल्कुल ठीक हो जाऊंगा कि बोलिए सद्गुरु भगवान की जरूर गाइए कभी राम बने के कभी श्याम बने के चले
आना प्रभुजी कि कभी राम बने के कभी श्याम बने के
चले आना प्रभुजी चले आना तो मेरा में रूप में आना तो मेरा में रूप में आना
सीता साथ लेके धन्श हाथ लेके चले आना प्रभुजी चले आना
सीता साथ लेके धन्श हाथ लेके चले आना प्रभुजी चले आना
साथ लेके दन साथ लेके चले आना प्रभुजी चले आना
कभी राम बने के कभी शाम बने के चले आना प्रभुजी चले आना
तुमे क्रेशन रूप में आना रधा साथ लेके मुर्णी हात लेके चले आना प्रभुजी चले आना
रधा साथ लेके मुर्णी हात लेके
चले आना प्रभुजी चले आना कभी राम बने के कभी श्याम बने के चले आना प्रभुजी चले आना
सुखे करता बने के दुखे हरता बने के चले आना प्रभुजी चले आना
बोलिये शद्गुरु भगवान की जय
कृष्ण कहते हैं अर्जुन अनपेच्छा सुचीदच्छा उदासी नो गतब विथाता शर्वरंभ परित्यागी योद मदभक्ता समेपरिया अद्वेष्टा सरभूता नाम हिर्देसे अजुन तिष्ठती
अद्वेष्टा सरभूता नाम मैत्रा कृणे एवजा निर्ममो निरहंकारा सम दुख सुखा छमी संतुष्टा सततम योगी यतात्मा द्रणनेशया मैयी अर्पित मनो बुद्धियो मदभक्ता समेपरिया यो न हिरश्चती न दोईश्चती न सौंचती न कांचती सुभा
का शिरी होगा एक कृष्ण भक्ति क्या बता है कृष्ण कहते हैं भक्त मेरा ध्यान करता है लेकिन उस भक्त का
मैं ध्यान करता हूं जो अपने शरभूतानाम जो समस्त भूत प्राणियों से किसी से द्वैश से नहीं करता है सभी से प्रेम
करता है बच्चियों से भी
प्रेम करता है नरणारियों
से भी प्रेम रखता है जिसके अंदर
नफरत का भाव नहीं है
उससे मैं भी प्रेम करता हूँ
उससे मैं भी प्रेम करता हूँ
यो मद्भक्ता से में प्रिया
वह भक्त मुझको बहुत प्रिया
ऐसा कृश्ण कहते है आपकी भक्ती बढे
आपकी घर में शान्ती बढे आपको आत्मा का ज्ञान हो
कल आत्मा और परमात्मा की और भी बाते में बताऊंगा
साथ में आपकी पास में ऐसी भक्ती बढे
कि आप अपने घर को अच्छी तरह से चला सकें
आपकी उन्नती हो
और मैं कहूँगा
जिसको मन की शांती चाहिए
वे लोग मोबाइल के यूटूब में
रोज प्रवचन सुने
असंग सर्च करिए
मोबाइल में प्रवचन मिलेगा
और जिनको ज्यादा शांती चाहिए
रात में नौ बजे आस्था बजन चैनल में भी प्रवचन सुने
और जिनको बहुत शांती चाहिए
वे लोग स्वाध्याई भी करें
यहाँ पर साहित सेंटर आया है
वहाँ से नाना प्रकार की ज्यान की किताबे खरीद कर
थोड़ा अधिन भी करें
तो बहुत शांती मिलेगी
और जो लोग ज्यादा स्वास्त रहना चाहिते हैं
वे धोप का सेवन करें
और ब्यायाम भी करें
साथ में हसे भी
और कहीं गलतियों में फ़से ना
तो उनका स्वास्त अच्छा रहेगा
और साथ में एक बात का ध्यान रखें
आयुवेदिक दवा का प्रियोग भी करें
आयुवेदिक दवा
यहाँ पर आयुवेदिक दवा का सेंटर आया है
वहाँ से महासक्ति प्रास लीजी
एक चम्मच खाईए
एक महिने नबज़वान बन जाईए
और दो चम्मच खाईए
तो बुढ़े बन जाएगी
तीन चिम्मच खाईए तो दुनिया से विदा हो जाएगी
महाशक्ति प्रास
नहीं नहीं विदा नहीं हो गई
लेकिन कहने के मतलब कम खाईए
थोड़ा सा खाना चाहिए
बहुत अच्छी
आयरवीदिक गिलोय बटी
बहुत अच्छी होती है
गिलोय जो है
एंटी बायोटिक होती है
आपके सरीर में रोग आने नहीं देती
इसलिए गिलोय का भी प्रियोग करें
और
आज
हमारे आपके बीच में
जो इतनी संख्या में
लोग इकठे हुए
बड़ी प्रसनता की बात
आधर की पुरुष बहुत खुस हैं
क्योंकि इनको धोप मिल रही है
इदर की महिलाएं दुखी हैं
इनको छाया मिल रही है
वो साइड में जो पंडाल लगा
उसका जरूरत नहीं था
बढ़िया धोप में बेटती
थोड़ा अंदर भी धोप आ जाती
लेकिन आज प्रधम दिन ही
बहुत बड़ी शंख्या एकत्र हुई है
मैं शुभ कामना करता हूँ
बहुत बड़ा प्रचार प्रशारी
इस तराना के कारिकरम का हुआ है
इसके प्रचार प्रशार में
बहुत लोगों ने मेहनत किया है
और आप सभी धन्यवात के पात्र हैं
आपको उज्जेन में
आश्रम, मंदिर, धर्मशाला
निर्मान की परचे दिये जा रहे हैं
इनको लीजिये, पढ़िये
सोचिये, समझिये
और जो लिखा रहे है
उस पर अपने कर्म कीजिये
साहे बंद की बोलिये
गुटनों पे हाथ रखिये
पहली अंगुली अंगुठा जोड़िये
तीन अंगुलीया फैलाईये
और सीधे बैठ जाईये
सुखी बसे संसार सब
दुखिया रहे न कोई
ऐसी मेरी भावना
पूर्ण करो प्रभु सोई
शान्ती, शान्ती, शान्ती
सवी शरुता एक मिनट नैन बंद करके
इष्ट देखें
देव का ध्यान करड़े
दोनों हाथ असपर्श करके
कोमल अंगुलियां
बंद आँखों के उपर
मुख मंडल पर असपर्श करें
अंजली वांद कर बोलें
साहे बंदगी

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