नंदादी गोपों की कुमारी ने
कात्याइनी महामयया का हिमन्त रितू में पूजन किया
और भगवान स्री कृष्ण को अपना बनाना चाहती थी
आलिंगन करना चाहती थी
तो भगवान ने इनके मनोरत को पूर्ण करने के लिए
इनके वस्त्रूरूपी वास्नाओं का हरण कीयाए
नगनि श्णान करती थी आकर भगवान ने इनके
वस्त्रों को चुरालिया लेजाकर कदम के जाडपर ले गए
पर ले गए बोले नहाती हुई गोपांग नाव के
वस्तरों को चुराना यहां मर्यादा तोट्ती है
तो कहा कि वेग्या पहली बार तो ये कि तीन वर्स
से चेंशात वर्ष की जो चोटी बालिका हैं बच्चे
यदि हमारे घर में भी हमारे अपने बच्चे यदि
चाहे वो पुत्र हो या पुत्री नगना अवस्था में
यदि इस कौमारी अवस्था में खेला करते हैं तो हमारे
मन में किसी प्रकार का कोई दुरविकार नहीं आता
कोई उन्हाँ
अश्चाывают में,
जीवात्मा तो परमाथ्मा के सामने हमेशा Position pivot me,
Jeeva's 허 थाडल्या थालिएन दरुकी are opening open
Open organisation.
ख़ुश्ट experienced ने gap and kicked
की ओसान रूल्स्तर चुरा ली� 들고 को ये ही
कसी देर जिंदंड Standards for Lord Mukke
जल में नगनि श्णान नहीं करना चाहिए।
वरुण भगवान का दोश होता है।
शुखदेव जी कहते हैं राजन,
इन गोपांगनाओं ने कात्याईनी मय्या से प्रार्थना करी,
तो भगवान ने इनको आश्वासन दिया कि आज से ठीक एक वर्ष
वाद तुम्हारे साथ में मैं महारास की लिला करूँगा।
गोपीयों को आश्वासन दे करके भगवान ने यग्ग पत्णियों पर कृपा करी।
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