मुझको तो काबू कर अपने बाओं में भर के रख
खाबों की दुनिया में हम दोनों खो जाए
तेरी आखों की गहराई दिल में समा जाए
इस जहां से दूर हम एक हो जाए
तेरे बिन अधूरा हूँ मैं प्यार का सिलसिला चल रहा है
दिल की हर खड़कन बस तुझ पे है फिदा
मुझको तो काबू कर अपने बाओं में भर के रख
राहों में तेरी यादे हम सफर बन के चले
तरदे इश्क को सहकर खुद को हम सभाले
खाबों का सहर है ये तेरी ही बाहों में
तेरे बिना जीना मुझकी नहीं
नहीं है अब
तेरे बिना धूरा हूँ मैं प्यार का सिलसिला चल रहा है
दिल की हर खड़कन बस तुझ पे है फिदा
मुझको तो काबू कर अपने बाओं में भर के रख
मुझको तो काबू कर अब