जैजे उनकी सब जन पुकार रहे हैं।
राम और सिता को निहार रहे हैं। जैजे उनकी सब जन पुकार रहे हैं।
सभी बोलना दिल खोल के मिर साथ मिझे। जैजे सिता राम।
राम और सिता को निहार रहे हैं।
जैजे उनकी सब जन पुकार रहे हैं।
जैसी आवर रखुराया बोलो जैसी आराम
दिन है खुशी का रखुवर पधारे
दिन है खुशी का रखुवर पधारे
फूलों सचारे गलियां चोबारे
बर्सो थे जो प्यास नयन खुश्यों भीगे वोही नयन
नजरे लगे नामे उतार रहे हैं
जैजे उनके सब जन पुकार रहे हैं
राम और सिर्फ
राम और सिर्फ
राम और सिर्फ
राम और सिर्फ
राम और सिर्फ
राम और सिर्फ
राम और सिर्फ
राम और सिर्फ
मन के सपने सावार रहे हैं
मन के सपने सावार रहे हैं
जैजे उनके सब जन पुकार रहे हैं