ĐĂNG NHẬP BẰNG MÃ QR Sử dụng ứng dụng NCT để quét mã QR Hướng dẫn quét mã
HOẶC Đăng nhập bằng mật khẩu
Vui lòng chọn “Xác nhận” trên ứng dụng NCT của bạn để hoàn thành việc đăng nhập
  • 1. Mở ứng dụng NCT
  • 2. Đăng nhập tài khoản NCT
  • 3. Chọn biểu tượng mã QR ở phía trên góc phải
  • 4. Tiến hành quét mã QR
Tiếp tục đăng nhập bằng mã QR
*Bạn đang ở web phiên bản desktop. Quay lại phiên bản dành cho mobilex
Tự động chuyển bài
Vui lòng đăng nhập trước khi thêm vào playlist!
Thêm bài hát vào playlist thành công

Thêm bài hát này vào danh sách Playlist

Bài hát jagjivan bodh, pt. 02 do ca sĩ Bijender Chauhan thuộc thể loại The Loai Khac. Tìm loi bai hat jagjivan bodh, pt. 02 - Bijender Chauhan ngay trên Nhaccuatui. Nghe bài hát Jagjivan Bodh, Pt. 02 chất lượng cao 320 kbps lossless miễn phí.
Ca khúc Jagjivan Bodh, Pt. 02 do ca sĩ Bijender Chauhan thể hiện, thuộc thể loại Thể Loại Khác. Các bạn có thể nghe, download (tải nhạc) bài hát jagjivan bodh, pt. 02 mp3, playlist/album, MV/Video jagjivan bodh, pt. 02 miễn phí tại NhacCuaTui.com.

Lời bài hát: Jagjivan Bodh, Pt. 02

Nhạc sĩ: Traditional

Lời đăng bởi: 86_15635588878_1671185229650

जग जीवन जी वचन बोल के वचन बताओ ग्यानी जीव की अवधी बताओ स्वामी तीन दयाल दया मुझ पे करना निज चरणों में जीव को रखना दयाबंत गुरुदीन दयालमुख्ती रूप जीव प्रतिपाल देना हमको अभे का दान अंदर करना उजाला ग्यानगर्ववास में जो कस्मे खाया बाहर निकल के सभी भुलाया संकट में तुझ को होता ग्यान बाहर निकल करे अभिमानसौगंध जो जीव निभाता करववास नहीं दोबानमारा पाता अब नहीं बोलूं हे गुरुदेवा तन मन लगा के करूंगा सेवामुझको बाहर निकाले स्वामी कसम ना भुलाओ मैं अंतर्यामीतु जो सौगंध इतनी खाया तभी गर्भ से बाहर आया नौवे मास जो बाहर आयासुख सभी कुटुम्ब ने पाया लोग सभी बहुत हर्ष मनातेपुत्र की बधाई देने आते बाजे बहुत संग अपने लातेगीत खुशी के सारे गाते घर घर बांटे सभी मेश्ठाननारियां गाती सभी मंगल गान घर राजा के जन्म जो पायागर्ब की कसमें सभी भुलाया पाकर जन्म सभी तु भुलायागर्ब का ज्यान सभी मिटाया ऐसे कर्म ये करता कालजीवों को फसाता अपने जाल छूठा पाए छूठ संसारनरक कुंड पाए कस्त अपारपिसुन कर्म वर्णनप्रतवारमाता मन में करे बखान, कुल सूरज हमें दिये भगवान, पुत्र जन्मा घर आज हमारे, मिट गए दुख जन्म के सारेनाईन देती एक बढ़ाई, बाते तीन वो आके बताई, मेरा कहा करो तुम काम, ना कि छेदी रखो ना थूरामपहले नालिस की गड़वाना, फिर बालक को बाहर लाना, पिता बहुत खुशी मनाता, उमंग हरश नह दैसमातापान मिठाई बहुत बहुतपटवाया, धन्यभाग पुत्र हमने पाया, काका कहे मैं उत्रूं पार, बालक खेले घर के द्वार, कर्म का फल ये मैंने पायाछेत्र पाल नाम बालका बताया, दादा सुनके दोडे आये, फोता देख बहुत सुक पाये, दासी हाथे गुमर मंगायाप्रेम से गले उसे लगाया, दादी के मन हर्ष अपार, लेती बलईयां बारंबार, मैं करी सतीयन की सेवा, हुए प्रसन तब दुल के देवानानिया करी शीगरी उठाती, मुख चूम के कंथी लगाती, चून ले सिर उपर वारे, सुन माल फिर बहुतीउतारे, मुख देखिने अब नाना आते, भेवता देख अधिक सुख पाते, उमंग ना उन केहर दे समाई, कंचन चूरा दिया बधाईबहुत हर्ष बुआ है मनाती, गीत मंगल नित दिन गाती, मुख चूम के कंथी लगाए, केहर दे हर्ष उमंग समाईमौसी बहुत हर्ष मनाती, धने बहन की को बताती, मुख चूम के कंथी लगाए, अतियानन विहदे में समाएबुढिया एक पड़ोसन आती, आकर बात एक समुझाती, बालक से तेल लॉन लगाना, लॉना नाम से इसे बुलानादूजिया कर ये समुझाती, बालको छीतर मिसलाती, सच्चा टोना तुम्हे बताओ, छीतर इसका नाम सुझाओपड़ोसन तीजी बोले स्यानी, मैं जानू एक बात पुरानी, कोदरा बराबर इसे तुलवाओ, कोदर सिंग कह इसे बुलाओचमीरन गोदी से बैठाओ, लेकर मोलि स्नान कराओ, चमुरू सिंग ना इसका रखना, बालक जीवन लंबा करनादेखने नारी जितनी आती, अपना मत है सभी बताती, अलग अलग मत सभी बताएं, स्यानपन अपना सभी जताएंबुड़ा एक शीशनाभैरों शीश उसके आता, खुद को बैर एक बंधवाता, भैरों सिंग नाम बतलाता, देवी साधक एक तब आया, देवी सिंग तब नाम बतायाकाजी मुर्गी कोई चड़ाता, काजी दीन तब नाम बताता, अनेक लोग वहाँ ऐसे आते, अपना उपारसभी बताते, पुरोहित घर का यही बताए, मन के मनोरत पूनी कराए, ये तो बड़ा सपूत कहाए, इसके समान न दूजाएपुरोहित कह यजमान है मेरा, कुल देवी भैरों का चेरा, चरण भाटी दिये आशीश, महमाई दो हमें बखशीशदर्वेश एक तुने समझाता, नाम पकीरा वो है बताता, गले तावीज एक बंध वाया, सब पीरों का चारण बतायाचोगी एक वहां पर आता, अपनी भवूत का प्रभाव सुनाता, तुम कहा हमारा करना, नाम सदा शिव इसका रखनायंत्र मंत्र जतन कर लाए, बना के तावीज गले पहनाए, बज़ बटू सुवर दांत मंगाया, तो पारी माही उसे मढ़वायाभोजि पत्र में यंत्र मढ़ाया, सात भाती कारेशम लाया, गुगल जला के धूप लगाता, फिर गले में उसे पहनाताप्रामण नगर के सारे आए, पत्री का साथ में अपनी लाए, पीपल के पते मंगवाए, लगन देख के नाम सुनाएजग जीवन है नाम जनम का, कभी ना होगा मरना इसका, जनम पत्री वे भली बनाए, दान दक्षिना सारे कराएसंसकार विदिवत सारे होते, मोह जाल में लगाता गोते, गर्व के कस्में सभी बुलाया, अमर होने का रोग लगायाफेदि किसी से छिप नहीं पाते, स्याने लोग सब यही बताते, गर्व वचन जब कोई बुलाये, काल जाल में उसे फसाएजूटे को जूटा ही है मिलता, इन से काज ना उसका बनता, यह सब जूटे पाखंड आज, इन से बनता न कोई काजकहे कभीर सब चेतिये, आगे काल मलाले, जग जन जाल सब छोड़िके, पिछला लोक समालेसौगन्द गर्व में जो भी खाया, बाहर निकल के सभी भुलाया, फिर भी कठिन जीवन लगता, अब उपाए कौन सा करताइतने लोग सब दिये बढ़ाई, इन में तेरा कौन सहाई, सत्गुर शर्ण जो ना आएमानुश जन्म न फिर से पाए, ये तिर मित्र नहीं है, बैरी सभी को जान, पचना चाहे जो काल से मित्र गुरु को मान

Đang tải...
Đang tải...
Đang tải...
Đang tải...